कैसा है विधि का विधान जिसको होना था अयोध्या का राजतिलक उनको जाना पड़ा बनवास रातों-रात मंथरा ने बिगाड़ा खेल जहां होना था खुशी वहां बसरा मातम कैकई ने दशरथ से मांगा राम को वनवास,भरत को राजगद्दी
मदन गौर की कलम से✍
हरदा/ ग्राम फुलड़ी मै नव दुर्गा उत्सव के पावन पर्व पर आदर्श नव दुर्गा उत्सव समिति के तत्वाधान में ग्राम फुलड़ी के युवा कलाकारों द्वारा राम लीला मंचन का शुभारंभ मंथरा कैकेयी संवाद के साथ शुरू हुआ।
शुक्रवार की रात्रि रामलीला के मंचन का शुभारंभ मंथरा कैकेयी संवाद के साथ शुरू हुआ। जिसमें मंथरा रानी कैकई को राम को बनवास और भरत को राजगद्दी के लिए कान भर रही है। मंथरा द्वारा रानी को बार- बार भरत को राज गद्दी के लिये तैयार करने के दृश्य को लोगों द्वारा खूब सराहा गया।
बाद में रानी कैकेयी कोप भवन में चली जाती है जहां राजा दशरथ रानी से नाराजगी की बाबत पूछते है। तब रानी राजा द्वारा दिये गए दो वचनों को याद दिलाती है। तब राजा दो वचन मांगने को कहते है तब रानी कैकेयी राम को बनवास और भरत को राज गद्दी मांगती है। जिस पर राजा दशरथ की हालत बिगड़ जाती है। बाद में राम सीता लक्ष्मण बनवास के लिए वन चले जाते हैं। वन जाने का दृश्य राम लीला मंचन देख रहे लोग कलाकारों का अभिनय देख कर मंत्र मुग्ध हो गए।विगत कुछ वर्षों से किनी कारणवश ग्राम फुलड़ी की रामलीला नही हो रही थी लेकिन इस पुनीत कार्य के लिए वैसे तो पूरे ग्राम फुलड़ी का सहयोग मिला लेकिन विशेष रामलीला मंडल को शुरू करवाने मै महत्वपूर्ण योगदान ग्राम फुलड़ी के ही हरिओम गौर बिजोरिया खूबचंद नेताजी मोहनलाल टेरक्या कमल जी बटेला पूर्व सरपंच गौर समाज उपाध्यक्ष इंदौर की अहम भूमिका रही ग्राम फुलड़ी के स्थानीय कलाकारों द्वारा रामलीला के मंच पर अपनी कलाओं का जमकर प्रर्दशन किया रामलीला मै किरदार निभाने वाले पात्र राम नितिन टेरक्या लक्ष्मण सुशील गौर सीता शिवानंद मालाधारी दशरथ रघुवीर गौर कैकई गोविन्द मालाधारी सहित ग्राम के युवाओं ने अपना अहंम रोल निभाया व्यासगांदी पर शिवदास माकवे ढोलक पर रामसिंग मालवीय मंजिरा पर जगदीश गौर रामलीला का मंच संचालन अरूण गौर द्वारा किया गया
