नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में हवा की रफ्तार में गिरने के साथ वायु गुणवत्ता शनिवार को खराब हो गई। अधिकारियों ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में और गिरावट का अनुमान जताया है। केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एवं वेदर फॉरकास्टिंग और रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, शनिवार शाम चार बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 था जो खराब की श्रेणी में आता है। यह ‘बहुत खराब’ की श्रेणी से सिर्फ एक बिन्दु दूर था। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को एक्यूआई 154 पर था। गौरतलब है कि अगर एक्यूआई 0-50 के बीच होता है तो उसे ‘अच्छा’ माना जाता है।
वहीं अगर एक्यूआई 51-100 के बीच है तो यह ‘संतोषजनक’ है, 101-200 के बीच है तो मध्यम’ है, 201 से 300 के बीच है तो ‘खराब’ है, 301-400 के बीच है तो ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच है तो ‘गंभीर’ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुडग़ांव और नोएडा में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘बहुत खराब’ रिकॉर्ड किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 243 और पीएम 2.5 का स्तर 122 रिकॉर्ड किया गया है। अधिकारियों ने आगामी दिनों में हवा की गुणवत्ता और खराब होने का अंदेशा जाहिर किया है।
पीएम 2.5 के स्तर के रविवार को बहुत खराब स्थिति में पहुंचने की आशंका जताई गई है। सीपीसीबी आगामी जाड़े के मौसम में प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है। सर्दियों में दिल्ली वायु गुणवत्ता आमतौर पर खराब स्थिति में रहती है। इस बीच, नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीरें दिखा रही हैं कि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इस महीने के शुरू से पराली जलाना शुरू कर दिया है। नासा ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा है कि बीते 10 दिनों में अमृतसर, अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार के आसपास पराली जलाना काफी बढ़ गया है।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है