कात्यायनी व्यक्ति की अधेड़ उम्र को संबोधित करती हैं। महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इन्हें कात्यायनी कहते हैं। कमल, तलवार व स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित पीत वरणीय चतुर्भुजी देवी शेर पर सवार हैं। कालपुरूष व वास्तुपुरुष सिद्धांतानुसार बृहस्पति ग्रह व उत्तर पूर्व दिशा की स्वामिनी देवी कात्यायनी व्यक्ति की कुंडली के बारहवें व नवें भाव पर अपनी सत्ता से व्यक्ति के धर्म, भाग्य, इष्ट, हानि, व्यय व मोक्ष पर अपना स्वामित्व रखती है। इनकी पूजा पीले फूल, हल्दी, बेसन के हलवे से करते हैं। इनके पूजन से अविवाहितों का शीघ्र विवाह होता है, दुश्मनों पर जीत मिलती है व दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है।
स्पेशल पूजन विधि: घर की उत्तर-पूर्व दिशा में पीला कपड़ा बिछाकर उस पर नवदुर्गा सहित देवी कात्यायनी का चित्र रख कर विधिवत पूजन करें। हल्दी मिश्रित घी का दीपक करें, सुगंधित धूप करें, पीला चंदन चढ़ाएं, हजारे के पीले फूल चढ़ाएं, बेसन के हलवे का भोग लगाएं तथा 1 माला विशेष मंत्र की जपें। पूजन उपरांत हलवा किसी कन्या को खिलाएं।
सुबह का पूजन मुहूर्त: प्रातः 07:00 से प्रातः 08:00 तक।
रात का पूजन मुहूर्त: शाम 18:15 से शाम 19:15 तक।
कात्यायनी पूजन मंत्र: ॐ कात्यायनी देव्यै: नमः॥
दुर्भाग्य से छुटकारा पाने के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़ी चना दाल और सूखी लाल मिर्च केले के पेड़ पर चढ़ाएं।
गुड हेल्थ के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़ी केसर दूध में मिलाकर पीएं।
गुडलक के लिए: हल्दी की गांठ हाथ में लेकर “ॐ कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
विवाद टालने के लिए: देवी कात्यायनी पर पीले कनेर के फूल चढ़ाएं।
नुकसान से बचने के लिए: देवी कात्यायनी पर 12 साबूत हल्दी की गांठे चढ़ाएं।
प्रोफेशनल सक्सेस के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़ी मौली राइट हेंड की कलाई में बांधे।
एजुकेशन में सक्सेस के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़ी हल्दी से नोटबुक पर तिलक करें।
बिज़नेस में सफलता के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़ा नींबू गल्ले में रखें।
पारिवारिक खुशहाली के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़े केले गरीब बच्चों में बांटे।
लव लाइफ में सक्सेस के लिए: देवी कात्यायनी पर चढ़ा पीला रुमाल जेब में रखें।
मैरिड लाइफ में सक्सेस के लिए: दंपत्ति देवी कात्यायनी पर चढ़ा सिंदूर इस्तेमाल करें।
