केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर ने रविवार को विदेश दौरे से लौट कर कई महिलाओं द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज कर दिया और साथ ही इस तरह के आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। वहीं अकबर की सफाई पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने ट्वीट किया कि क्या इस पर सफाई देना ही काफी है? तीन तलाक के लिए जेल और इन आरोपों के लिए कुछ भी नहीं, बेटी बचाओ से ज्यादा महत्वपूर्ण सरकार बचाओ हो गई। ये मन की नहीं बल्कि तन की बात है।
वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोप सच साबित होते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी महिला का अपमान कर रहा है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि ‘मी टू’ अभियान को निराधार आरोप लगाने का मंच न बना लिया जाए। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मी टू अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की सफाई पर तंज कसते हुए कहा कि क्या उनके खिलाफ आरोप लगाने वाली सभी महिलाएं झूठ बोल रही हैं। मालीवान ने ट्वीट किया कि सभी नौ महिलाएं झूठे आरोप लगा रही हैं? वे संसद में आपकी सीट के बाद हैं?
अगर भाजपा को आज कोई नुकसान पहुंचा रहा है तो वह है एमजे अकबर का खराब और भ्रष्ट व्यवहार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अविश्वसनीय चुप्पी और मामले में कोई कदम नहीं उठाना। बता दें कि अफ्रीका की यात्रा से लौटने के कुछ ही घंटों बाद विदेश राज्य मंत्री ने अपने इस्तीफे की मांग को एक तरह से खारिज करते हुए बयान जारी किया और इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत के लगाए गए ये आरोप कुछ वर्गों के बीच एक वायरल फीवर बन गया है। आरोपों के समय पर सवाल उठाते हुए अकबर ने कहा कि 2019 में होने वाले आम चुनावों से कुछ महीने पहले ‘मी टू’ तूफान क्यों उठा है? उन्होंने कहा कि आम चुनाव से पहले यह तूफान क्यों उठा है? क्या कोई एजेंडा है? उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और मनगढंत हैं। इन झूठे और बेबुनियाद आरोपों से मेरी छवि को अपूर्णीय क्षति पहुंची है।
