हिसार: सतलोक अाश्रम के प्रमुख रामपाल पर आरोप तय हो चुके हैं। अाज कोर्ट द्वारा रामपाल व उसके समर्थकों को दो मामलों में सजा सुनाई जानी है। हिसार कोर्ट की तरफ से 429 व 430 के मामले में धारा 302 के आरोप लगाए गए थे। धारा के मुताबिक, रामपाल को उम्रकैद या फांसी अथवा कम से कम 14 साल की कैद हो सकती है। सतलोक आश्रम संचालक रामपाल पर चार साल बाद हत्या के केस में हिसार की विशेष अदालत में फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने हत्या के दो मामले में रामपाल को दोषी क़रार दिया। अदालत सजा का एेलान अाज और 17 अक्टूबर को करेगी।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील रणधीर सिंह बदरान ने बताया कि हत्या व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और षड्यंत्र रचने जैसे संगीन जुर्म के आरोप में जो धाराएं रामपाल पर लगी हैं, उनमें फांसी या उम्रकैद की सजा कोर्ट की तरफ से सुनाई जा सकती है। बाकी के जो मामले हैं, उनमें जब सजा होगी, तो वे भी साथ-साथ चलती रहेंगी।
इन मामलों में रामपाल समेत कुल 15 लोगों को दोषी करार दिया गया। बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रामपाल को कोर्ट में पेश किया गया। सेंट्रल जेल-1 में बनाई गई विशेष अदालत में जज डीआर चालिया ने मामले पर फैसला सुनाया। बता दें कि सतलोक आश्रम में करीब चार साल पहले पांच महिलाओं और डेढ़ साल के बच्चे की मौत के दो मामलों में यह फैसला सुनाया गया है।

29 लोगों को दोषी करार दिया, जिसमें तीन महिलाएं शामिल
अदालत ने रामपाल व अन्य आरोपिताें को भादसं की धाराओं 302, 343 अौर 120बी के तहत दोषी ठहराया है। अदालत में एफआईआर नंबर 429 के मामले में रामपाल सहित 15 आरोपितों को दोषी करार दिया। वहीं, कोर्ट ने एफआईआर नंबर 430 में 14 आरोपितों को दोषी करार दिया। अदालत 429 और 430 के मामले में अाज या फिर 17 अक्टूबर को सजा का एेलान कर सकती है।
2014 में हुअा था रामपाल समर्थकों और पुलिस में टकराव
9 से 18 नवंबर 2014 को दस दिन तक सतलोक आश्रम में पुलिस और रामपाल समर्थकों में भारी झड़प हुई, जिसमें पांच महिलाओं और 18 महीने के एक बच्ची की मौत हो गई थी। रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने पहले आश्रम की बिजली और पानी सप्लाई काट दी थी। उसके बाद आश्रम के अंदर राशन जाने के भी सारे रास्ते बंद कर दिए गए। राशन की कमी होने पर हजारों की तादाद में लोग अाश्रम से बाहर अाए। इनमें से कई लोगों का कहना था कि वे अपनी मर्जी से अंदर नहीं गए थे, बल्कि उन्हें कैद कर मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। झड़प के 10 दिन बाद 20 हजार सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी आश्रम में घुसने में सफल हुए। लेकिन पुलिस के हाथ रामपाल नहीं लगा।
झड़प के 11वें दिन हुअा रामपाल गिरफ्तार
आखिरकार, पुलिस ने जेसीबी का इस्तेमाल कर आश्रम की पिछली दीवार तोड़नी चाही तो कई लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इसमें 28 पुलिसकर्मी घायल हुए और 200 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। पुलिस को पांच महिलाओं व 18 महीने के एक बच्चे की लाश आश्रम से मिली थी। करीब 11 दिन की जद्दोजहद के बाद 19 नवंबर, 2014 की रात रामपाल पुलिस के हत्थे चढ़ा, जिसकी गिरफ्तारी के बाद सतलोक अाश्रम को पूरी तरह से सील कर दिया गया था।
2014 में रामपाल पर हुए थे 7 केस दर्ज
रामपाल पर पुलिस ने नवंबर 2014 में सात केस दर्ज किए थे। इसमें देशद्रोह, हत्या, अवैध रूप से सिलेंडर रखने आदि काफी मामले हैं। रामपाल इनमें से दो केसों में बरी हो चुका है। इन दोनों केसों में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी थी, जिस पर कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी। एक मुकदमे से अदालत ने रामपाल का नाम हटा दिया था, वहीं अब रामपाल दो हत्याओं के मामले में दोषी करार दिया गया है। इसके बाद भी रामपाल के खिलाफ चल रहे तीन केस लंबित पड़े हैं।
साल 1999 में हुई सतलोक अाश्रम की स्थापना
रोहतक के करौंथा गांव में बने सतलोक आश्रम की साल 1999 में हुई थी। संत रामपाल खुद को कबीर पंथ का अनुयायी कहता था। उसके भक्तों के अनुसार वह कबीर का ही अवतार है। रामपाल और कबीर पंथ के लोग मंदिर, मूर्ति पूजा, छुआछूत, व्यभिचार और अभद्र गीत व डांस को भी बुरा मानते हैं।
जानिए अाखिर कौन है रामपाल
रामपाल का असली नाम रामपाल सिंह जाटिन है। उसका जन्म सोनीपत जिले में गोहना तहसील के धनाना गांव में हुआ था। उसके पिता नंद लाल एक किसान थे और मां इंदिरा देवी एक गृहिणी थीं। रामपाल ने खुद निलोखेड़ी आईटीआई से डिप्लोमा किया और सालों तक हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के तौर पर काम भी किया। साल 1996 में उसने नौकरी छोड़ दी और 1999 में सतलोक आश्रम की स्थापना की। रामपाल के दो लड़के और दो लड़कियां हैं।
हिसार कोर्ट में अाज रामपाल के खिलाफ फैसला सुनाए जाने को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने हिसार में धाऱा-144 लागू कर दी है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हिसार अाने-जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।

