श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने भारत की खुफिया एजैंसी RAW पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि खूफिया एजेंसी रॉ द्वारा उनके हत्या की साजिश की जा रही है। उनके ये बयान भारत औऱ श्रीलंका के संबंधों के नजरिए से बेहद गंभीर है। मैत्रीपाला सिरिसेना ने हर हफ्ते होने वाली कैबिनेट मीटिंग इस संबंध में चर्चा की । द हिंदू की एक खबर के अनुसार, अपने बयान में सिरिसेना ने कहा कि भारतीय खूफिया एजेंसी उनकी हत्या करना चाहती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शायद रॉ के इस प्लान की जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि मैत्रीपाला सिरिसेना का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे भारत दौरे पर आने वाले हैं। अपने इस दौरे पर उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रस्तावित है। लेकिन मैत्रीपाला सिरिसेना ने इस दौरे से पहले ही ऐसा बयान देकर सभी को चौंका दिया है। उल्लेखनीय है कि मैत्रीपाला सिरिसेना को भारत का नजदीकी माना जाता रहा है, जबकि उनके विरोधी महिंदा राजपक्षे को चीन का नजदीकी माना जाता है।
पहले भी लगाए थे एेसे आरोप
साल 2015 में हुए श्रीलंकाई आम चुनावों के दौरान महिंदा राजपक्षे ने भी रॉ पर ऐसे ही आरोप लगाए थे। महिंदा राजपक्षे ने मैत्रीपाल सिरिसेना के सत्ता में आने के पीछे भी रॉ का हाथ होने का आरोप लगाया था। वहीं मैत्रीपाला सिरिसेना के आरोपों को श्रीलंकाई सरकार द्वारा ही अस्वीकार कर दिया गया है। श्रीलंका के मीडिया मंत्री मंगला समरवीरा ने इसे भ्रम फैलाने वाली खबरें बताया है इसके लिए मीडिया के कुछ रिपोर्टर्स को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि इस पूरे मसले की शुरुआत तब हुई, जब श्रीलंका की एंटी करप्शन यूनिट के कर्मचारी नमल कुमारा ने बीते माह दावा किया था कि उसे इस बात की जानकारी थी, जिसमें सिरिसेना और पूर्व रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षा की हत्या करने की साजिश रची जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने एक भारतीय नागरिक को भी सितंबर में गिरफ्तार किया। श्रीलंका के स्थानीय मीडिया के अनुसार, गिरफ्तार भारतीय नागरिक ने भी सिरिसेना की हत्या की साजिश की बात स्वीकार की थी।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.


चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है