बैंगलूरु: कर्नाटक सरकार में जल संसाधन मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने अपने सरकार के कदम को गलत बताते हुए भरी जनसभा में माफी मांगी। शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को लिंगायत समुदाय के मामले में किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए थी।
सोमेश्वर शिवचार्य स्वामी के दशहरा सम्मेलन में शिवकुमार ने कहा, हमारी पार्टी ने इस राज्य में बड़ी गलती की है। मैं इससे इंकार नहीं करता हूं। मुझे ऐसा लगता है कि किसी भी सरकार को जाति और धर्म से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह हमारी सरकार द्वारा किया गया अपराध था। कई मंत्रियों अौर नेताओं ने इस मुद्दे पर बोला, लेकिन चुनाव में जनता द्वारा दिया गया जनादेश इस बात का सबूत है कि सरकारों को इन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यदि हमारी सरकार ने गलती की है, तो मैं आपलोगों से माफी मांगता हूं।उल्लेखनीय है कि वीरा सोमेश्वर ने लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक समूह की मान्यता देने का जोरदार विरोध किया था। वीरा सोमेश्वर गडक में प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के धर्मगुरु हैं। कर्नाटक के उत्तरी हिस्से में लिंगायत समुदाय की बड़ी जनसंख्या है। शिवकुमार का यह बयान राज्य विधानसभा चुनाव के पांच महीने बाद आया है। विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धारमैया वाली कांग्रेस सरकार ने लिंगायत और वीराशिवा समूह के प्रस्तावों पर अध्ययन के लिए एक विशेषज्ञों की समिति की नियुक्ति की थी। उस समय ये समूह खुद को हिंदू धर्म से अलग कर धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग कर रहे थे।
