शहडोल: जिला अस्पताल मे एक बार फिर बडी लापरवाही सामने आई है। चिकित्सकों की लापरवाही के चलते अस्पताल मे एक प्रसुता की बाथरुम बच्ची को जन्म देने के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साए परिजनो ने अस्पताल मे हंगामा करते हुए चिकित्सक पर अच्छे उपचार के लिये 20 हजार रुपए मांगने के आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार बुढार थाना क्षेत्र के ग्राम धनौरा निवासी 22 वर्षीय रोशनी चौधरी को प्रसव के लिये 2 दिन पहले जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया था।
परिजनों का आरोप है कि पहली डिलेवरी होने की बात कहकर जिला अस्पताल मे पदस्थ डॉ. निशा चतुर्वेदी द्वारा इसे क्रिटिकल केस कहा और अच्छे उपचार के लिये 20 हजार रुपए की मांग की। रोशनी के पति ने आनन- फानन 10 हजार रुपए दिए। बाकी 10 हजार रुपए का इंतजाम की बात कह्कर इलाज जारी करने को कहा। इस दौरान प्रसुता निशा अस्पताल के बाथरुम गई जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद उसकी मौत हो गई। इस दौरान निशा का पति बकाया 10 हजार रुपए लेकर अस्पताल पहुंचा, तो देखा की उसकी पत्नी की डिलेवरी के दौरान मौत हो गई। मौत से गुस्साए परिजनो ने अस्पताल मे हंगामा खडा कर दिया । उन्होने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उसकी पत्नी की मौत हो गई।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है