प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के साथ ही सरकार ने अब उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी है। सरकार या तो किसी मंत्री को अतिरिक्त प्रभार सौंपेगी या नए मंत्री को शामिल करेगी। अकबर पश्चिम एशिया और इस्लामिक देशों का दौरा किया करते थे इसलिए प्रधानमंत्री उनके स्थान पर शीघ्र नया मंत्री ढूंढेंगे। सुषमा स्वराज जी-20 राष्ट्रों के साथ व्यस्त हैं और उनके जूनियर मंत्री जनरल वी.के. सिंह वैश्विक दौरों से तंग आ गए लगते हैं। वह अकबर के निष्कासन से रिक्त हुए शून्य को पूरा नहीं कर सकते।
अकबर सैंट्रल और पश्चिम एशिया व अफ्रीकी देशों के प्रभारी थे। उनका अगले कुछ महीनों में 6 देशों का सरकारी दौरा करने का कार्यक्रम था जिसकी तैयारियां जोरों पर थीं। मालूम हुआ है कि प्रधानमंत्री इन देशों के लिए अपने विशेष दूत के रूप में किसी योग्य मुसलमान नेता को नियुक्त कर सकते हैं जो इन राष्ट्रों के साथ मामलों को आसानी से निपटा सके। अकबर को 15-16 नवम्बर को बिशकेक में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रैंस में शामिल होने के लिए किर्गिस्तान की यात्रा करनी थी।
उसके बाद उनकी तेल आपूर्ति मामलों के संबंध में पैट्रोलियम निर्यात देशों के संगठन (ओपेक) के साथ बैठक करने की योजना थी। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इंडिया (तापी) के बाद ओपेक की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बैठक है जिसे ‘पीस पाइप लाइन’ कहा जाता है। नया मंत्री इस्लामी देशों के साथ लोकप्रिय होना चाहिए केवल राजनीतिज्ञ से काम नहीं चलेगा।


