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प्रदूषण का प्रकोप: दिल्ली-NCR की हवा और जहरीली होने की चेतावनी

दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन रविवार को भी बेहद खराब की श्रेणी में रही। जिसे देखते हुए अधिकारियों ने चेताया कि आगामी कुछ दिनों में यह और ज्यादा खराब हो सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कुल मिलकार 301 दर्ज किया गया जो बहुत खराब की श्रेणी में आता है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की एक चादर छाई रही और इस मौसम का अब तक का सबसे खराब एक्यूआई 324 दर्ज किया गया था। डेटा मेें बताया गया कि आनंद विहार, मुंडका, नरेला द्वाराका सेक्टर-आठ, नेहरू नगर और रोहिणी इन सभी में ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता रही और ये धीरे-धीरे गंभीर प्रदूषण स्तर की ओर बढ़ रहे हैं।  शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है, 50 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम श्रेणी का, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण सुरक्षा नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्य सरकारों एवं दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। ईपीसीए के एक सदस्य ने बताया कि स्थिति का जायजा लेने के बाद फैसला लिया गया कि उन इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां वायु गुणवत्ता खराब या बेहद खराब देखी गई। पीएम2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से कम मोटाई के कणों की मौजूदगी) 147 पर पहुंच गया। पीएम 10 के मुकाबले पीएम 2.5 जिन्हें बारीक कण भी कहा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं।
केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली के आंकड़े के अनुसार पीएम 10 का स्तर दिल्ली में 276 रहा। पीएम10 वे कण हैं जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर होता है। सीपीसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि वायु गणवत्ता खराब होने के पीछे वाहनों एवं निर्माण गतिविधियों से होने वाला प्रदूषण तथा हवा की दिशा जैसे मौसमी कारक जिम्मेदार हैं। इस वक्त हवा पराली जलाने वाले इलाकों की ओर से चल रही है। नासा द्वारा भेजी गई तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि पिछले दो सप्ताह में पंजाब और हरियाणा में बेहिसाब पराली जलाई गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि शहर जल्द ही गैस चैंबर में बदल जाएगा क्योंकि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों ने पराली जलाने वाले किसानों के लिए कुछ नहीं किया है।

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