बदलते मौसम के साथ दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। आने वाले दिनों में राजधानी क्षेत्र तथा इसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता में गिरावट की आशंका के मद्देनजर एयर प्यूरीफायर की मांग भी काफी बढ गई है। कंपनियों का अनुमान है कि पिछले साल की तरह इस बार भी दिल्ली-एनसीआर का एयर प्यूरीफायर की बिक्री बढ़ाने में मुख्य योगदान देगा। इसके साथ ही छोटे तथा दूसरी श्रेणी के शहरों से भी इनकी मांग बढ़ रही है।
यूरेका फोर्ब्स के मुख्य बदलाव अधिकारी शशांक सिन्हा ने कहा कि हमने पहले भी देखा है कि दिवाली के आस-पास हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है और इसके कारण एयर प्यूरीफायर के प्रति जागरूकता और इनकी बिक्री निश्चित तौर पर बढ़ेगी। अन्य कंपनियों में हनीवेल को भी दिवाली के आस-पास प्रदूषण बढऩे से बिक्री बढऩे का अनुमान है।
कंपनी के सुधीर पिल्लई ने कहा कि हमने पिछले दो साल से देखा है कि धुंध वाले मौसम में एयर प्यूरीफायर की मांग अचानक से बढ़ जाती है। सर्दियां आते ही वायु गुणवत्ता खराब होने लगती है और यह एयर प्यूरीफायर की बिक्री में उत्प्रेरक का काम करता है। कंपनी ने कहा, कि हवा की गुणवत्ता खराब होने के मुख्य कारक फसलों को जलाना तथा इसके बाद दिवाली के पटाखे हैं। इन कारणों से हवा की गुणवत्ता बेहद नुकसानदेह स्तर पर पहुंच जाती है। ऐसी स्थिति में लोगों को किफायती लेकिन प्रभावी समाधान की आवश्यकता होती है जो उनके घरों और दफ्तरों को इस समस्या से निजात दे सके।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 337 दर्ज किया गया। यह बेहद खराब श्रेणी में आता है। यह इस मौसम का अब तक का सबसे खराब स्तर है। अधिकारियों ने चेताया है कि आने वाले दिनों में यह और ज्यादा खराब हो सकती है।


