नई दिल्ली: सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़े अभ्यास का महत्व और सेनाध्यक्ष के तौर पर उनकी प्राथमिकताओं के बारे में कई बातें शेयर की। उन्होंने कहा कि कहा, ‘मैं आपको यह साफ कर देना चाहता हूं कि जो अगली लड़ाई हम लड़ेंगे वह पिछली वाली की तरह बिलकुल नहीं होगी। रावत ने बताया कि भविष्य की लड़ाई के लिए खतरनाक मारक मशीनों से लैस कर देगी। इतने बड़े स्तर पर चल रही यह कवायद सेना के शीर्ष जनरलों की तरफ से किए गए गए चार विस्तृत अध्ययन पर आधारित है। जो 12 लाख सेना के जवानों के चेहरे और और उसकी दिशा को बदलकर रख देगी।
बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना आने वाले तीन से पांच सालों में एक लाख सैनिकों की छंटनी की जा सकती है। इनमें से कुछ को नई भूमिका जैसे- सायबर, सूचना और फिजियोलॉजिकल युद्ध की दी जाएगी। इससे सेना को पैसा बचाने में मदद मिलेगी जिसका इस्तेमाल उन्नयन क्षमताओं में किया जाएगा।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है