नई दिल्ली: मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 13 अन्य विधायकों को बड़ी राहत मिली है। मारपीट मामले में कोर्ट ने सभी को जमानत दे दी है। इनमें अमानतुल्लाह खान, प्रकाश जरवार, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दूत, संजीव झा, ऋतू राज, राजेश गुप्ता, मदन लाल, दिनेश मोहनिया शामिल हैं
ये है मामला
19 फरवरी की देर रात अंशु प्रकाश सीएम आवास पर एक बैठक में शामिल होने आए थे। तब किसी बात को लेकर विधायकों ने मुख्य सचिव पर हमला कर दिया जिससे उनको चोट भी आई थी। हालांकि आप के पूर्व विधायक संजीव झा ने इन सभी आरोपों को गलत बताया था और कहा कि तीन मिनट की मीटिंग में कैसे उनपर हमला हो सकता है। झा ने कहा था कि राशन के मसले पर चर्चा हो रही थी लेकिन अंशु प्रकाश ने मीटिंग के दौरान कहा था कि वे उनके प्रति जवाबदेह नहीं हैं।
पहली बार ये सब भी हुआ
- चीफ सेक्रेटरी अंशू प्रकाश मारपीट प्रकरण में पहली बार बतौर सीएम रहते हुए पुलिस एजेंसी द्वारा कॉल डिटेल तक खंगाली गई है। इसके अलावा केस में सीएम और डिप्टी सीएम पर निगाह भी रखी गई।
- किसी सीएम के खिलाफ पहली बार उनके ही मातहत काम करने वाले सीनियर अधिकारियों के बयान दर्ज कराए गए,यही नहीं बयानों को बाकायदा चार्जशीट में रखा गया।
- बतौर सीएम के निजी सचिव को भी आरोपी के तौर पर रखा गया।
- एक सीएम के खिलाफ उसके ही सलाहकार को अहम गवाह बनाया गया और उसके मजिस्टे्रट के सामने बयान दर्ज कराए गए।
