मद्रास उच्च न्यायालय ने ई. पलानीस्वामी सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराते हुए टीटीवी दिनाकरण के करीबी 18 विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखा है। इस मामले में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. सुंदर ने 14 जून को जो फैसला सुनाया था उसमें दोनों की राय भिन्न थी।
जस्टिस एम सत्यनारायण ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर तुरंत सुनवाई के अनुरोध पर वह विचार करेगा। इस बड़े राजनीतिक मामले में उच्चतम न्यायालय ने जस्टिस सत्यनारायण को तीसरे जज के तौर पर नियुक्त किया था। इससे पहले जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एम सुंदर ने अलग-अलग आदेश दिया था।
18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी.धनपाल ने 18 एआईएडीएमके विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। अन्नाद्रमुक के विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर पलानीस्वामी सरकार में अविश्वास जाहिर किया था। इस पर पार्टी के चीफ विप एस. राजेंद्रन ने स्पीकर से शिकायत की थी। सदस्यता रद्द होने के बाद विधायक हाई कोर्ट चले गए थे। 20 सितंबर 2017 को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को इन विधायकों की सीटें खाली घोषित करने से रोक दिया था।
