2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित पर आज फैसला आएग। कोर्ट तय करेगी कि वह आतंकी हैं या नहीं। पुरोहित ने स्पेशल एनआईए के एक फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
कर्नल ने आतंक के आरोप पर उठाए थे सवाल
कोर्ट यह तय करेगा कि पुरोहित के ऊपर से यूपीए के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाएं या नहीं। अपनी अपील में पुरोहित ने कहा कि उनको इस मामले में जबरन घसीटा जा रहा है और उन्होंने सेशंस कोर्ट की तरफ से उन पर यूएपीए के तहत लगाए गए आरोपों की वैधता पर भी सवाल उठाए। स्पेशल एनआईए कोर्ट ने 20 अक्टूबर को पुरोहित की यूएपीए हटाने की अर्जी खारिज कर दी थी और इसके तहत केस चलाए जाने को वैध ठहराया था।
जमानत पर हैं पुरोहित
बता दें कि कर्नल पुरोहित को बीते साल मालेगांव ब्लास्ट केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। वह पिछले 9 साल से जेल में थे। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए जमानत दी थी। पुरोहित ने शीर्ष अदालत में कहा था कि एटीएस द्वारा साजिश के तहत फंसाया गया है।
यह है मामला
गौरतलब है कि 29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी, करीब 100 लोग जख्मी हुए थे। ब्लास्ट उस वक्त किया गया जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ने जा रहे थे। इस धमाके के पीछे हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े लोगों का हाथ होने की बात सामने आई थी।