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अब गैस त्रासदी के पीड़ितों ने कहा, ‘मुआवजा नहीं तो वोट नहीं

भोपाल: प्रदेश में 3 दिसंबर 1983 की रात हुई भयानक गैस त्रासदी के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं, प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में गैस त्रासदी अब चुनावी मुद्दा बन गया है, 1984 में हुए इस दर्दनाक हादसे ने करीब 15,000 लोगों की जान ले ली थी।

इसी भयानक त्रासदी में पीड़ित हुए लोगों ने मुआवजे की मांग करते हुए अपने-अपने घर के सामने पोस्टर टांग दिए हैं, गैस कांड़ में पीड़ित लोगों ने यह आरोप लगाया है कि, हादसे के इतने साल बाद भी सरकार ने उन्हें मुआवजा नहीं दिया है।
पोस्टर में लिखा गया है कि, राज्य में विधानसभा चुनाव में उसी पार्टी को वोट दिया जाएगा, जो सरकार में आने पर हमें मुआवजा देगी। पीड़ितों ने घर के बाहर यह लिखवाया है कि, ‘जो मुआवजा दिलवाएगा वोट वही ले जाएगा’।
गैस त्रासदी के पीड़ित ने कहा कि जो भी पार्टी वोट मांगने आएगी, हम उन्हें अपना स्टाम्प पेपर देंगे, उस पर वो लिखकर दें और वादा करेंगे तो हम उसी को वोट देंगे, ये भोपाल के गैस पीड़ितों की आवाज़ है

बता दें कि, 3 दिसम्बर 1984 की रात भोपाल में ‘यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड़’ नाम की कम्पनी के कारखाने से ‘मिथाइल आइसो साइनाइड’ नाम की जानलेवा गैस का रिसाव हुआ था।इसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। इसकी चपेट में आने से करीब 15 हजार लोगों की जान चली गई थी, और करीब साढ़े 5 लाख लोग प्रभावित हुए थे, वहीं हज़ारों लोग विकलांग हो गए थे।

गैस इतनी जहरीली थी की, आज भी वहां की वायू स्वच्छ नहीं मानी जाती है, इस भयानक हादसे के बाद कंपनी के मालिक वॉरेन एंडरसन को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन 6 घंटे के बाद ही उन्हें 2100$ के मामूली जुर्माने पर छोड दिया गया था।

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