आदिवासी क्षेत्र गुलाईमाल में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह
खंडवा। आदिवासी क्षेत्र लोग धर्म से जुड़े रहे और धर्म परिवर्तन की ओर अपने कदम न बढ़ाए इस हेतु युवा संत कृष्णप्रिया जी का मानना है कि ऐसे स्थानों पर कथा कर आदिवासियों को धर्म और संस्कृति से जोड़े रखे। कथा भगवान का स्वरूप होती है और कथा के माध्यम से ही हम व्यक्ति में परिवर्तन ला सकते हैं। यह बात आदिवासी क्षेत्र ग्राम गुलाईमाल में भागवत कथा का श्रवण कराने खंडवा पहुंची वृंदावन कथा वाचन संत श्रीकृष्णप्रियाजी महाराज ने पार्वतीबाई बाई धर्मशाला में उनके स्वागत के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं से कही। दीदी ने कहा कि धर्म और संस्कृति से जुड़े रहने का सशक्त माध्यम भागवत कथा होती है और मैं अधिकांश आदिवासी क्षेत्र में ही जाकर कथा श्रवण करती हूं। देश के सभी बड़े तीर्थों में प्रभु के समीप पहुंचकर कथा का श्रवण कराने का संकल्प चल रहा है जिसके अंतर्गत जगन्नाथपुरी, द्वारका, बद्रीनाथ तीर्थो के साथ ही अन्य तीर्थो पर भागवत कथा आयोजन संपन्न हो चुका है। शीघ्र ही रामेश्वर एवं बारह ज्योतिर्लिंगों के साथ शक्ति पीठों पर भी जाकर प्रभु की भागवत को प्रभु के चरणों में पेश करूंगी। मेरे भक्तों द्वारा चैनबिहारीलाल सेवा समिति का गठन किया गया जो भागवत कथाओं में सदैव सहयोगी रहते हैं और इन बड़े तीर्थों पर भी समिति के सदस्यों आदिवासी क्षेत्र के लोगों को भी इन तीर्थों के दर्शन के साथ कथा रसपान करवाने लाते हैं। क्योंकि कई ऐसे श्रद्धालु है जिन्होंने तीर्थो के दर्शन नहीं किए वे आकर प्रभु के चरण में वंदन करते है। जिससे उन्हें तीर्थो के बारे जानकारी के साथ ही धर्म और संस्कृति का ज्ञान मिलता है।
कथा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि ख्यात कथाकार कृष्णप्रिया दीदी गुरूवार को सुबह 11 बजे कर्नाटक एक्सप्रेस से खंडवा पहुंची। उनके स्वागत के लिए सैकड़ों भक्त रेलवे स्टेशन पहुंचें। वे खालवा के आदिवासी ग्राम गुलाईमाल में 26 अक्टूबर से भागवत कथा करेंगी। कथा की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। स्टेशन से दीदी पार्वतीबाई धर्मशाला पहुंची जहां समिति के सदस्यों से चर्चा की। दीदी का रेलवे स्टेशन पर चैनबिहारीलाल सेवा समिति खालवा के सदस्यों व ग्रामीणों ने पहुंचकर पुष्पमाला से स्वागत किया। यहां से निजी वाहनों द्वारा दीदी का काफिला जसवाड़ी, सिंगोट, जलकुआं, राजनी, भगवानपुरा, बखार, खार, सकुवी एवं संदलपुर होते हुए खालवा पहुंचा। दीदी का ग्रामीणों क्षेत्रों में जगह-जगह स्वागत किया गया। खालवा में रात्रि विश्राम के पश्चात 26 अक्टूबर को दीदी सांवलीखेड़ा, कोठा, आराखेड़ा एवं सुंदरदेव होते हुए गुलाईमाल कथा स्थल पहुंचेगी। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा दीदी का मार्ग में भव्य स्वागत किया जाएगा। खालवा में चैनबिहारीलाल सेवा समिति की एक बैठक कृष्णप्रिया दीदी ने ली जिसमें दिसंबर माह में हरदा में होने वाली भागवत कथा के संदर्भ में चर्चा की गई। ग्राम गुलाईमाल में गुलाई-खालवा क्षेत्र एवं चैनबिहारीलाल सेवा समिति के तत्वावधान में 26 अक्टूबर से 1 नवंबर तक संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक होगा। भागवत के प्रमुख प्रसंगों पर मथुरा के कलाकारों द्वारा गीतों व भजनों के बीच प्रस्तुति दी जाएगी। कथा के प्रथम दिवस शुक्रवार को 10 बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें खालवा क्षेत्र सहित आसपास के कई ग्रामों से भी महिलाएं पहुंचेंगी।
समाजसेवी व कथा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि कृष्णप्रिया ऐसी संत हैं जो पांच वर्ष की आयु से धार्मिक कथाएं कर रही हैं। देश-विदेश में उनके अनुयायी हैं। भागवत व राम कथा के माध्यम से देश-विदेश में धर्म की प्रभावना करने वाली वृंदावन की युवा संत परमपूज्य कृष्णप्रिया जी की भागवत का भव्य संगीतयम आयोजन आदिवासी क्षेत्र गुलाईमाल में पहली बार होने जा रहा हैं। उल्लेखनीय है कि कृष्णप्रिया जी द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र खालवा में पिछले सालों में चार कथाओं के माध्यम से धर्म की प्रभावना की गई थी। गुरूवार को कर्नाटक एक्सप्रेस से खंडवा पहुंची कृष्णप्रिया दीदी का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर अनिल उपाध्याय, संतोष मालवीया, सुनील जैन, दिव्यदित्य शाह, राजेन्द्र पाराशर, गोपाल गीते, प्रमोद महाजन, अजय दीक्षित, अरूण महाजन, पूनम मलगाया, नत्थू यादव, मनोज गंगराड़े, गयाप्रसाद पांडे, विजय सिंह ठाकुर, शोभाराम कास्बे सहित बड़ी संख्या में चैनबिहारीलाल समिति के सदस्यों के साथ महिलाओं ने भी दीदी का पुष्पमालाओं से स्वागत किया।


