ब्रेकिंग
Aaj ka rashifl: आज दिनांक 04/12/2023 का राशिफल जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे कलेक्टर श्री गर्ग ने मतगणना उपरान्त सभी का आभार प्रकट किया हरदा से डॉ. दोगने व टिमरनी से श्री अभिजीत शाह निर्वाचित, देखे किसे कितने वोट मिले नर्मदापुरम की चारों विधानसभा से भाजपा विजय समर्थकों ने जुलूस निकाला, विजेता प्रत्याशियों को निर्वाचन... हरदा विधानसभा रिटर्निंग अधिकारी श्री आशीष खरे ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर दोगने को दिया जीत का प्रम... टिमरनी विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी ने अभिजीत शाह को दिया जीत का प्रमाण पत्र टिमरनी कांग्रेस अभिजीत शाह मकड़ाई चुनाव जीते, चाचा संजय शाह को हराया | Harda Big News: पूर्व विधायक रामकिशोर दोगने को हरदा विधानसभा की जनता ने दिया आशीर्वाद। 870 वोट से वि... Harda Update: हरदा विधानसभा चुनाव, 19 राउंड कंप्लीट 1011 से आगे... Harda Update: हरदा विधानसभा चुनाव, 18 राउंड कंप्लीट, रामकिशोर दोगने टोटल 870 से आगे...

पंचायत चुनाव-तीसरे को गोद देने के बावजूद भी लागू होगा 2 बच्चों वाला कानून: SC

नई दिल्लीः तीसरे बच्चे के जन्म होते ही पंचायत चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार स्वतः ही चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएगा, यह अहम फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया। इतना ही नहीं उम्मीदवार पंचायत में सदस्य या सरपंच के पद से भी चुनाव नहीं लड़ पाएगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और केएम जोसफ की बेंच ने यह फैसला सुनाया। दरअसल ओडिशा के ट्राइबल सरपंच ने दो बच्चों की नीति का पालन करने के लिए अपने तीसरे बच्चे को गोद दे दिया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि पंचायत राज एक्ट के मुताबिक अब वह व्यक्ति पंचायत चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य है क्योंकि इस एक्ट के मुताबिक अगर किसी उम्मीदवार के तीन बच्चे हैं और तीनों जीवित हैं तो उसे पंचायत या सरपंच चुनाव लड़ने योग्य नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि इस एक्ट का मकसद है बच्चों की संख्या को नियंत्रित करना न कि हिंदू गोद लेने और रखरखाव अधिनियम (Hindu Adoption and Maintenance Act) के तहत मिलने वाले लाभों को प्रतिबंधित करना।

बता दें कि इस मामले में मीनासिंह मांझी ने ओडिशा हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी थी। ओडिशा हाई कोर्ट ने मांझी के तीसरे बच्चे के जन्म के बाद उन्हें
सरपंच के पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। उनके दो बच्चों का जन्म 1995 और 1998 में हुआ था। फरवरी 2002 में मीनासिंह सरपंच बने और इसके बाद अगस्त 2002 में उनके तीसरे बच्चे का जन्म हुआ था। हाईकोर्ट के फैसले और पंचायत राज एक्ट के तहत उन्हें सरपंच पद को छोड़ना पड़ा था। इस फैसले को बाद मांझी ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया और पीठ को बताया कि उसने अपना पहले बच्चे को 1999 में गोद दे दिया था। Hindu Adoption and Maintenance Act के मुताबिक अगर एक बार बच्चे को किसी और को गोद दे दिया जाए तो वह परिवार ही उसका मूल सदस्य बन जाता है।

मांझी ने इसी एक्ट का तर्क दिया और कहा कि एक बच्चे के गोद देने के बाद वह दो बच्चों के पिता हैं और सरपंच के पद पर बने रहने के योग्य हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता कि पंचायत राज एक्ट का मकसद क्या है लेकिन इतना स्पष्ट है कि इस कानून के तहत पंचायत या सरपंच का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिएं। इस पर मांझी के वकील ने कहा कि अगर किसी के जुड़वां या तीन बच्चे एक साथ हो जाएं तो क्या फिर भी उसे पंचायत चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है? इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला इस स्थिति से बहुत अलग है और एक साथ जुड़वां या तीन बच्चों का जन्म होना बहुत ही दुर्लभ मामला है। कोर्ट ने कहा कि अगर भविष्य में ऐसा कोई मामला सामने आएगा तो बेंच इस पर सही और उचित फैसला ही सुनाएगी।

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Don`t copy text!