रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार में रक्षा संबंधी मामलों में पूर्ण पारदर्शिता बनाये रखने की बात की। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि राफेल लड़ाकू विमान मामले में कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है।
यहां से वहां भटक रहा विपक्ष
सीतारमण ने इकोनॉमिक इंडिया सम्मेलन-2018 को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के लगाए आरोप बेेबुनियाद हैं। विपक्ष के द्वारा उठाये गये प्रश्नों और संदेहों को पहले ही दूर किया जा चुका है, वे बार बार इस मामले पर अपने खुद के रूख को ही बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक भी प्रश्न को छिपाया नहीं और न की उन्हें रोकने की कोशिश की। विपक्ष यहां से वहां भटक रहा है।
राफेल सौदे में नहीं हुई सांठगांठ
इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में किसी भी तरह की सांठगांठ से इनकार करते हुए कहा कि खरीद शुरू होने पर ही ऑफसेट साझेदारों के बारे में ब्योरा पता चलेगा। उन्होंने कहा कि दासॉल्ट और दो या तीन कंपनियां राफेल की आपूर्ति में शामिल हो रही हैं। इसलिए उन सभी को ऑफसेट की प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा।
विमान मिलने के बाद बताएंगे साझेदारों के नाम
ऑफसेट साझेदार के तौर पर दासॉल्ट एविएशन द्वारा अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के चुनाव को लेकर उपजे विवाद के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि आपूर्ति में शामिल प्रत्येक कंपनी के भारत में ऑफसेट साझेदार होंगे। उन्होंने कहा कि ऑफसेट साझेदारों का विवरण तब मिलेगा जब वे इस ब्योरे के बिल के साथ मुझसे संपर्क करेंगे कि किस तरह की सेवा मिल रही है, चाहे वह उपकरण के रूप में हो या निवेश के रूप में। रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल विमानों की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है।


