ग्वालियर: सुरक्षाबलों के द्वारा बुधवार को जम्मू-कश्मीर के नौगाम में जिस हिजबुल आतंकी सब्ज़ार अहमद सोफी को मारा गया है, वह केवल भोपाल ही नहीं बल्कि ग्वालियर में भी लंबे अरसे तक रहा है। उसने 2011 में बॉटनी से एम-फिल की डिग्री हासिल की थी। जबकि भोपाल की बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी से आतंकी सब्जार अहमद ने एम.एस.सी की पढ़ाई की थी। खास बात यह है कि, कुछ समय पहले जब अपने आप को हिजबुल कमांडर घोषित करते हुए सब्जार ने फेसबुक पर अपना फोटो एके-56 राइफल के साथ अपलोड किया था, तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे, तब खूफिया एजेंसियों ने सब्जार अहमद का रिकॉर्ड जब्त किया था।
गौरतलब है कि, ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में जम्मू कश्मीर के कई छात्र पढ़ते हैं। स्नातक की पढ़ाई में अव्वल नंबर लाने के कारण उन्हें यहां आसानी से एडमिशन मिल जाता है। अभी 6 कश्मीरी छात्रों की पी.एच.डी की डिग्री को लेकर जांच चल रही है। उन्होंने नौकरी करने के साथ ही पी.एच.डी की डिग्री भी हासिल की थी।
पंजाब केसरी ने जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन के अधिकारी से बातचीत की, तो उन्होंने यहां सब्जार के एम.फिल करने की बात स्वीकार की, लेकिन रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराये। गौरतलब है कि, विश्वविद्यालय के प्रोविजनल सर्टिफिकेट में सब्जार के काफी डिटेल मौजूद हैं जिसमें, उसकी जन्म तिथि 25 मार्च 1986, पिता का नाम बशीर अहमद सोफी, मां का नाम हाजरा अख्तर, जिला अनंतनाग सहित यह भी डिटेल मौजूद है कि, उसने एम.एस.सी बॉटनी भोपाल की बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी से की। खास बात यह है कि एक जगह आतंकी सब्जार अहमद सोफी के दस्तखत भी पाए गए हैं।
जीवाजी विश्वविद्यालय के द्वारा 9 फरवरी 2012 को जो प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किया गया है। इसमें हेड ऑफ डिपार्टमेंट बॉटनी की सील की लगी हुई है। हालांकि विश्वविधालय जांच में सहयोग करने की बात कह रहा है, उनका कहना है कि, जम्मू- कश्मीर से आने वाले सभी छात्रों की सूची पुलिस को दी जाती है, साथ ही प्रबंधन की ओर से भी सुरक्षा के सभी मापदंड अपनाये जाते है।
