पेशावरः पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह स्वेच्छा से स्वदेश लौटते हैं तो उन्हें सम्मान दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है तो उन्हें वापस लाने का ऐसा तरीका अपनाया जाएगा, जो काफी अपमानजनक होगा, उन्हें ‘खींच’ कर लाया जाएगा’। चीफ जस्टिस साकिब निसार ने कहा, ‘75 वर्षीय मुशर्रफ पर 2007 में संविधान को निलंबित करने के आरोप में राजद्रोह का केस चल रहा है। पाक के पूर्व सैन्य प्रमुख 2016 में इलाज के लिए दुबई गए थे, तब से नहीं लौटे हैं। ’
चीफ जस्टिस ने कहा कि मुशर्रफ अगर जांबाज कमांडो हैं तो उन्हें कुछ हिम्मत दिखानी चाहिए व देश लौटने से डरना नहीं चाहिए।’ इससे पहले मुशर्रफ के वकील ने कोर्ट से पूछा कि लाल मस्जिद मामले में उन पर कोई केस नहीं है। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि उन पर आखिर किस मामले में केस दर्ज है। इस पर निसार ने कहा कि उन पर राजद्रोह का मामला चल रहा है, लिहाजा उन्हें अदालत में पेश होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत उन्हें फिर भरोसा देती है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक मुशर्रफ जिंदा हैं उनका यह कर्तव्य है कि वह अदालत में पेश हों। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कि जिसके खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है वह स्वदेश नहीं लौट रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लौटने तक मुशर्रफ को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, चाहे केस का नतीजा कुछ भी हो।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है