महासमुंद। महासमुंद लोकसभा सीट पिछले लोकसभा चुनाव में चंदूओं की वजह से चर्चा में रहा। चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी का नाम चंदूलाल था। उनके साथ 11 और चंदूलाल मैदान में उतर गए थे। इससे भ्रम की स्थिति निर्मित हुई और अनजान चेहरों को भी हजारों वोट बिना प्रचार के मिले थे। भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार इसका तोड़ निकाल लिया है।
अब सभी उम्मीद्वारों के नाम के साथ ही उनकी फोटो और चुनाव चिन्ह ईवीएम में फीड होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा के चंदूलाल के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कांग्रेस प्रत्याशी थे। चंदूलाल नाम के उम्मीदवारों के 70 हजार से अधिक वोट काटने के बावजूद भाजपा के चंदूलाल साहू 1217 वोटों के अंतर से जीत गए थे।
नामांकन के बाद नदारद हो गए थे ज्यादातर चंदू
2014 के लोगसभा चुनाव में महासमुंद संसदीय सीट पर कुल 38 उम्मीदवार मैदान में थें। इनमें 11 का नाम चंदू था। हमनाम उम्मीदवार होने से बहुत से मतदाताओं में भ्रम की स्थिति निर्मित हुई। नामांकन दाखिल करके चुनाव मैदान से नदारद हो जाने वाले 10 चंदुओं को बिना प्रचार और जनाधार के ही 70461 वोट मिले थे।
दस चंदूलाल नाम के उम्मीदवार महासमुंद, पिथौरा, टुंडरा, मैनपुर (गरियाबंद), भटगांव (बलौदाबाजार), आरंग, मुंगेली, टेमरी (धरसींवा) के निवासी थे। ये सभी गैर-राजनैतिक थे और चुनाव से जिनका दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था। नामांकन दाखिले के बाद ये चंदू कहां गायब हुए? पता ही नहीं चला था। न तो कोई चुनाव प्रचार किया और न ही चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया।
देशभर में सुर्खियों में रहा मामला
एक साथ 12 हमनामों का चुनाव में होना राष्ट्रीय सुर्खी बन गई। कौन बनेगा करोड़पति में प्रतियोगी से सवाल भी हुआ कि वह कौन सा संसदीय क्षेत्र है, जहां से एक ही नाम (चंदूलाल) के 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे?
सब होगा पूरी परदर्शिता के साथ
महासमुंद के जिला निर्वाचन अधिकारी हिमशिखर गुप्ता का कहना है कि ईवीएम में उम्मीदवारों की फोटो, चुनाव चिन्ह सब- कुछ स्पष्ट होने से मतदाताओं में भ्रमित जैसी कोई बात नहीं रह जाएगी। सभी मतदाता वीवीपैट के माध्यम से यह भी देख सकेंगे कि उनका वोट पसंदीदा उम्मीदवार को गया है अथवा नहीं।


