यह सवाल लाख टके का है कि सीबीआई चीफ के कार्यालय पर रात करीब डेढ़ बजे रेड क्यों मारी गई व रात को ही वर्मा को बर्खास्त क्यों किया गया। इस बात का पता अभी तक नहीं लगा है। हां अगर मीडिया रिपोर्ट की मानें या राहुल के आरोपों को आधार मानें तो सरकार इसलिए डरी थी कि मामला राफेल जांच से जुड़ा था।
इसमें कोई शक नहीं है कि जब प्रशांत भूषण उनसे मिले थे तो उन्होंने राफेल से जुड़े दस्तावेज उन्हें सौंपे थे लेकिन वर्मा ने उन दस्तावेजों को एके शर्मा को दे दिया जो पॉलिसी विंग को लीड कर रहे थे। वह अमित शाह और और पीएम का खासमखास है।
हालांकि सीबीआई राफेल से जुड़े दस्तावेजों की जांच नहीं कर रही थी लेकिन जिस तरह से सभी स्थानांतरित अधिकारियों के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क आई.बी. अधिकारियों ने अपने कब्जे में रख ली है उससे शक की सूई तो घूम रही है। यही नहीं, राफेल से जुड़ी फाइल भी ए.के. शर्मा के रूम में जस की तस पाई गई। यह भी कहा जा रहा है कि शर्मा गुजरात कैडर के आई.पी.एस. अधिकारी हैं।


