ब्रेकिंग
10 हजार के अंदर पाएं टॉप 5G स्मार्टफोन, कीमत के साथ फीचर्स भी है नंबर वन, देखिए लिस्ट Fixed Deposit Scheme : खुश हुए इन बैंकों के खाताधारक, 399 दिनों की एफडी पर मिल रहा ज्यादा ब्याज Harda big news: फर्जी वसीयत बनाने वाले आरोपियों को 7 साल की जेल,10 हजार जुर्माना Harda Big News : छिपाबड़ जीतू पंडित मर्डर केस, सिर में गोली मारकर हत्या करने वाला मुख्य शूटर गिरफ्ता... Harda News : गुरव समाज ने श्री महर्षि दधीचि की जयंती महोत्सव, धूमधाम से मनाया बाइक रैली निकाली। Harda News : ‘खेलो एमपी यूथ गेम्स’’ के तहत जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं 24 सितम्बर को | Harda News : ‘‘विकास रथ’’ 24 सितम्बर को से टिमरनी क्षेत्र की पंचायतों का भ्रमण कर विकास कार्यों की ज... Harda : किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल ने जारी किया टोल फ्री नंबर | Harda News : कलेक्टर श्री गर्ग ने शांति समिति की बैठक में की अपील | Harda News : अबगांवखुर्द में ‘मतदाता सूची सशक्तिकरण शिविर’ 24 मार्च लगेंगे |

श्रीलंका में टूटा गठबंधन, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे बने PM

कोलंबो: श्रीलंका में नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शुक्रवार को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। इससे पहले सिरिसेना की पार्टी ने अचानक से सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था। पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के शपथ ग्रहण के दृश्य मीडिया को जारी किए गए और टीवी चैनलों पर दिखाए गए।

इससे पहले सिरिसेना के राजनीतिक मोर्चे यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने घोषणा की थी कि उसने मौजूदा गठबंधन सरकार से समर्थन लेने का फैसला किया है। यह गठबंधन यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के साथ था जिसके नेता रानिल विक्रमसिंघे अब तक प्रधानमंत्री थे। कृषि मंत्री और यूपीएफए के महासचिव महिंदा अमरवीरा ने कहा कि यूपीएफए के फैसले से संसद को अगवत करा दिया गया है। राजपक्षे की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिरिसेना ने उनसे अलग होकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाने के सिरिसेना के कदम से संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है क्योंकि संविधान में 19वां संशोधन बहुमत के बिना विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाने की अनुमति नहीं देगा। राजपक्षे और सिरिसेना की कुल 95 सीटें हैं और सामान्य बहुमत से पीछे हैं। विक्रमसिंघे की यूएनपी के पास अपनी खुद की 106 सीटें हैं और बहुमत से केवल सात कम हैं।

विक्रमसिंघे या यूएनपी की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की पार्टी ने उनके और विक्रमसिंघे के बीच तनाव बढऩे के बीच शुक्रवार को सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया। श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) और यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की गठबंधन सरकार उस समय संकट में आ गई थी जब पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की नई पार्टी ने फरवरी में स्थानीय चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की थी जिसे सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जनमत संग्रह माना गया।

पिछले सप्ताह खबर आई थी कि सिरिसेना ने अपने वरिष्ठ गठबंधन साझेदार यूएनपी पर उनकी और रक्षा मंत्रालय के पूर्व शीर्ष अधिकारी गोताभया राजपक्षे की हत्या की कथित साजिश को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया। गोताभया राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई हैं।

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Don`t copy text!