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2 साल बाद RTI में हुआ खुलासा मोदी सरकार को दे सकता है राहत

नई दिल्लीः 2014 में जब देश में आम चुनाव होने जा रहे थे, उस वक्त नरेंद्र मोदी देश से काला धन सामने लाने की बात कर रहे थे। इस बात को देश के लोगों ने बहुत पसंद भी किया था और चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी को एकतरफा जीत दिलाकर प्रचंड बहुमत की सरकार स्थापित कराई थी। तब से लेकर अब तक देश में काले धन को लेकर काफी बातें हो चुकी हैं।

अब राइट टू इन्फॉर्मेशन (आर.टी.आई.) में जो बातें सामने आई हैं वे मोदी सरकार को काफी राहत दे सकती हैं। केन्द्र सरकार की इन्कम डिक्लेरेशन स्कीम (आई.डी.एस.) के तहत वर्ष 2016 में 4 महीने के दौरान 18,000 करोड़ रुपए का काला धन घोषित हुआ है। यह काला धन और किसी ने नहीं बल्कि गुजरातियों ने किया है। यह उस दौरान देशभर में पता चले काले धन का 29 फीसदी है। यह बात एक आर.टी.आई. में सामने आई है

जून और सितम्बर, 2016 के दौरान नोटबंदी से पहले इस ब्लैक मनी के बारे में आई.डी.एस. के जरिए ऐलान किया गया। प्रॉपर्टी डीलर महेश शाह द्वारा 13,860 करोड़ रुपए की अवैध आय का खुलासा करने और नोटबंदी के चर्चा में आने से पहले इसकी घोषणा हुई। एक आर.टी.आई. का जवाब देते हुए आयकर विभाग ने कहा है कि गुजरात में आई.डी.एस. के तहत जून, 2016 से सितम्बर, 2016 के दौरान 18,000 करोड़ की आय घोषित की गई। यह योजना के तहत घोषित किए गए 65,250 करोड़ रुपए का 29 फीसदी है।

2 साल बाद आया आर.टी.आई. का जवाब
ताज्जुब की बात तो यह है कि इस आर.टी.आई. का जवाब तकरीबन 2 साल बाद आयकर विभाग से मिला है। अहमदाबाद के प्रॉपर्टी डीलर महेश शाह द्वारा आई.डी.एस. के तहत 13,860 करोड़ की आय घोषित करने के बाद भारत सिंह झाला नाम के शख्स ने 21 दिसम्बर, 2016 को आर.टी.आई. के तहत जानकारी मांगी थी।

2 सालों तक करते रहे आनाकानी 
झाला का कहना है कि 2 साल के संघर्ष के बाद उन्हें यह जानकारी हासिल हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार झाला ने बताया कि पहले आवेदन को गुम कर दिया गया। इसके बाद विभाग ने गुजराती भाषा में आवेदन का हवाला देते हुए जानकारी देने से इंकार कर दिया। इस साल 5 सितम्बर को मुख्य सूचना आयुक्त (सी.आई.सी.) ने दिल्ली में आयकर विभाग को सूचना मुहैया कराने के निर्देश दिए।

ऐसे होनी आय घोषित 
केन्द्र सरकार ने 2016 में आई.डी.एस. की घोषणा की थी। इसके तहत जून, 2016 से सितम्बर, 2016 के बीच लोगों ने अपनी गुप्त आय घोषित की। घोषणा के बाद पहली इंस्टालमैंट में नवम्बर, 2016 तक 25 फीसदी रकम का भुगतान होना था। दूसरी इंस्टालमैंट में मार्च, 2017 तक 25 फीसदी रकम अदा होनी थी। इसके अलावा बाकी रकम को नवम्बर, 2017 तक अदा करना था।

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