एक दौर था जब महेंद्र सिंह धोनी से गेंदबाज खासकर स्पिनर्स खौफ खाते थे। धोनी की लाजवाब बल्लेबाजी देखकर लगता था कि मानो ये सिर्फ सिक्सर्स जड़ने के लिए ही बने हैं, तभी दुनिया में इन्हें सिक्सर किंग की संज्ञा भी दी गई। धोनी की बल्लेबाजी देखकर क्रिकेट फैन्स कहते थे, माही मार रहा है, लेकिन पिछली कई पारियों से उनका बल्ला खामोश चल रहा है, जिस कारण ना सिर्फ उनके फैन्स बल्कि खुद धोनी भी निराश हैं।
एशिया कप से खामोश चल रहा है धोनी का बल्ला
18 मैचों की 12 पारियों में बनाए सिर्फ 252 रन
धोनी के पिछले 18 मैचों की 12 पारियों की अगर बात करें तो इन सभी पारियों में धोनी अपने बल्ले से खास कमाल नहीं दिखा पाए और उन्हें निराशा ही हाथ लगी। पिछली 12 पारियों में उन्होंने 25.20 की बल्लेबाजी औसत से सिर्फ 252 रन ही जोड़े। सबसे अहम बात ये रही कि इन पारियों में धोनी ना तो कोई शतक जड़ सके और ना ही कोई अर्धशतक। उनका सर्वाधिक स्कोर 42 रन रहा।
विंडीज के खिलाफ खेले 3 मैचों में भी बल्ला खामोश
विंडीज के खिलाफ खेली जा रही वनडे सीरीज के 3 मैचों में धोनी का बल्ला खामोश ही रहा। 3 मैचों की 2 पारियों की अगर बात करें तो दूसरे वनडे में 27 गेंदों पर 13.50 की औसत से सिर्फ 20 रन ही बना पाए, वहीं तीसरे वनडे में वो 11 गेंदों पर महज 7 रन बनाकर की पवेलियन लौट गए। 3 मैचों की 2 पारियों के उनके स्कोर को अगर जोड़ दें वो मात्र 27 रन के साथ 50 का आंकड़ा भी नहीं छू सके।
खराब बल्लेबाजी फॉर्म के कारण टी-20 टीम से भी कटा पत्ता
विंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जाने वाली टी-20 सीरीज के लिए टीम का ऐलान हो चुका है और यही कारण हो सकता है खराब बल्लेबाजी फॉर्म के कारण टीम-20 टीम से उनका पत्ता काट दिया गया। हालांकि सेलेक्टर्स अपना बचाव करते हुए दूसरे विकटकीपर की तलाश और उन्हें परखने का हवाला देते नजर आए।


