रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भाजपा को हर साल करीब एक हजार करोड़ का चंदा मिलता है जबकि विपक्षी कांग्रेस की चंदे से आय भाजपा की तुलना में एक चौथाई से भी कम है। चंदा उगाही के मामले में राज्य मंे बहुजन समाज पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी है।
छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ में भाजपा की कुल आय 1034.27 करोड़ रुपये थी। इसी दौरान कांग्रेस की आय 225.36 करोड़ रुपये बताई गई है। भाजपा ने कुल आय में से 710.057 करोड़ रुपये का व्यय दर्शाया है जबकि कांग्रेस ने इस दौरान आय से अधिक 321.36 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बसपा की आय इस अवधि में 173.58 करोड़ रुपये रही। बसपा ने 51.83 करोड़ खर्च किया है।
90 में से 66 विधायक करोड़पति, 14 पर आपराधिक मामले
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा मेंं 66 विधायक करोड़पति हैं। भाजपा के 49 में से 34 विधायक करोड़पति हैं जबकि कांग्रेस के 39 में से 30 विधायक करोड़पति हैं। बसपा के एकमात्र विधायक और एकमात्र निर्दलीय विधायक भी करोड़पतियों की श्रेणी में शामिल हैं।
2013 में सदन में करोड़पति विधायकों की संख्या मात्र 30 थी जो अगले चुनाव के बाद गठित सदन में बढ़कर 66 पहुंच गई। सदन में 14 विधायक ऐसे भी रहे जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के छह और कांग्रेस के आठ विधायकों पर विभिन्न् मामले दर्ज हैं।
टीएस सिंहदेव सबसे अमीर
प्रदेश के विधायकों में कांग्रेस के टीएस सिंहदेव सबसे अमीर हैं। उनकी संपत्ति 565 करोड़ है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस विधायक गुरुमुख सिंह होरा और भाजपा के गौरीशंकर अग्रवाल हैं। दोनों ने अपनी संपत्ति 11-11 करोड़ रुपये बताई है। कांग्रेस विधायक मोतीलाल देवांगन और भूपेश बघेल आठ-आठ करोड़ के मालिक हैं।


