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7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर, अधिकारियों का वेतन बढ़ेगा सबसे ज्यादा

नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और अन्य कारणों की वजह से 7वें वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर की मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। मगर उम्मीद है कि इससे जल्द ही करीब एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को अच्छी खबर मिलने की संभावना है।

कर्मचारियों ने मांग की है कि केंद्र सरकार फिटमेंट फैक्टर बढ़ाए और न्यूनतम मूल वेतन के रूप में 26,000 रुपए वेतन दे। वर्तमान में निचले स्तर के कर्मचारी के लिए मूल वेतन ज्यादातर 2.57 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर निर्धारित किया जाता है। हालांकि, उच्च स्तरीय अधिकारियों के लिए 7वें सीपीसी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन तय किया जाता है।

ऑल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट्स एसोसिएशन के डीए एकाउंटेंट और पूर्व असिस्टेंट सेक्रेट्री जनरल हरि शंकर तिवारी ने बताया कि साल 2016 में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के समय केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तरों के लिए विभिन्न फिटमेंट फैक्टर के आधार पर एक निश्चित वृद्धि की है। इसके अनुसार, उच्चतम फिटमेंट फैक्टर 17 के स्तर पर था। इस स्तर पर अधिकारियों को 2,25,000 रुपए मूल वेतन मिलता है।

7वें वेतन आयोग द्वारा प्रमुख सिफारिशें क्या थीं

7वें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार, न्यूनतम मजदूरी 18,000 रुपए करने का फैसला किया गया था। वहीं, उच्चतम स्तर के अधिकारियों का मूल वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह माना गया था। ये वेतन असंतोषजनक फिटमेंट फैक्टर के अनुसार तैयार किया गया था।

अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने मांग की है कि न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए किया जाए। उनका आग्रह है कि यदि सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 कर देती है, तो इससे संभवतः मूल वेतन में वृद्धि होगी।

कब तक हो सकती है इसकी घोषणा

अगर सरकार इस वर्ष 7वें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों को लागू नहीं करती है, तो इसकी घोषणा की जाने वाली अगली तारीख क्या होगी? यह सवाल कई कर्मचारियों के दिमाग में उठ रहा है। वे 26 जनवरी 2019 को सरकार द्वारा इस घोषणा को करने की दूसरी सबसे संभावित तारीख मानकर चल रही है।

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