उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दीपावली पर पटाखे फोडऩे के लिए रात आठ बजे से 10 बजे तक का समय तय करने संबंधी अपने आदेश में बदलाव किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि तमिलनाडु, पुड्डुचेरी जैसे स्थानों पर पटाखे फोडऩे के समय में बदलाव होगा लेकिन यह अवधि दिन में दो घंटे से अधिक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तय करेगी कि पटाखें 2 घंटे में कब चलाए जाएंगे।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि दीपावली पर ‘हरित पटाखे (पर्यावरण के अनुकूल पटाखे)’ का इस्तेमाल करने के बारे में दिया गया उसका निर्देश दिल्ली-एनसीआर के लिए था, भारत के सभी राज्यों के लिए नहीं। शीर्ष अदालत तमिलनाडु सरकार और पटाखा निर्माताओं की ओर से दायर कई अर्जियों की सुनवाई कर रही थी जिनमें उसके 23 अक्टूबर के आदेश को स्पष्ट करने और उसमें बदलाव करने की मांग की गई थी।
तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि रात को आठ बजे से दस बजे तक पटाखे फोडऩे के तय समय के अलावा वह राज्य में धार्मिक परंपराओं के अनुरूप दीपावली के दिन सुबह के वक्त पटाखे फोडऩे की इजाजत दें। पटाखा निर्माताओं की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पर्यावरण के अनुकूल ‘हरित पटाखे’ इस वर्ष दीपावली पर लेकर आना संभव नहीं है क्योंकि उनके उत्पादन के लिए जरूरी घटक (सेट कंपोजिशन) नहीं हैं।


