नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले एमजे अकबर ने आज #MeToo कैंपेन के तहत खुद पर लगे आरोपों को लेकर दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। अकबर ने कोर्ट में अपने पत्रकारिता करियर, लेखक तक के सफर की पूरी जानकारी दी और कहा कि उनका बतौर पत्रकार करियर काफी लंबा रहा है और वे काफी छोटी उम्र में ही संडे गार्जियन (कोलकाता) के एडिटर बन गए थे।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने दैनिक अखबार टेलिग्राफ से अपने करियर की शुरुआत की, इसके बाद 1993 में एशियन एज के एडिटर बने और उसके बाद संडे गार्जियन के एडिटर। अकबर ने कहा कि उन्होंने यौन उत्पीड़न का बेबुनियाद आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस किया है। अकबर ने कोर्ट को बताया कि रमानी ने उन पर कई ट्वीट्स किए लेकिन प्रिया ने यह भी कहा था कि मैंने उनके साथ कुछ नहीं किया। बता दें कि #MeToo कैंपेन के आधार पर कई महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
