मुंबई: बम्बई हाईकोर्ट ने आज सामाजिक कार्यकर्त्ताओं- गौतम नवलखा, प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बडे और स्टेन स्वामी को कोरेगांव भीमा हिंसा तथा माओवादियों के साथ कथित संपर्क के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तारी से 21 नवंबर तक राहत दी है। जस्टिस रंजीत मोरे और भारती डांगरे की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों कार्यकर्त्ताओं को राहत प्रदान की। इन तीनों ने अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी।
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है क्योंकि इस संबंध में एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। पीठ ने कहा कि हम लोग इंतजार करेंगे और देखेंगे कि उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला आता है। मामले की अगली सुनवाई तक अंतरिम राहत जारी रहेगी। अदालत ने पिछले महीने पुलिस को आदेश दिया था कि वह याचिकाकर्त्ताओं के खिलाफ न तो किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करे और न ही उन्हें गिरफ्तार करे।
इस मामले में नवलखा अपने घर में नजरबंद हैं जबकि तेलतुम्बडे और स्वामी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि पुलिस ने 28 अगस्त को कार्यकर्त्ता वरवरा राव, अरुण फेरारिया, वेरोन गोंसाल्विस और सुधा भारद्वाज को माओवादियों से संपर्क और कोरेगांव भीमा में एक जनवरी को हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.


चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है