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BJP की पहली लिस्ट से राकेश सिंह के गढ़ में मचा बवाल, ये नेता पैदा करेंगे मुसीबत

जबलपुर: राजनीति में हर नेता को टिकट की चाह होती है, और टिकट न मिल पाए तो वहा नेता अपनी ही पार्टी की लुटिया डुबाने का काम करने लगता है, प्रदेश में भी कुछ यही हाल है, अगर पार्टी नेता भक्ति के आधार पर टिकट देती है, तो जमीनी कार्यकर्ता नाख़ुश नजर आते हैं और फिर उम्मीदवार को हराने की तैयारी में लग जाते हैं, पार्टी कितना भी बोले कि सब सामान्य है लेकिन, अंदरूनी तौर पर कार्यकर्ताओं का आक्रोश सामने आ ही जाता है। अब बीजेपी ने जब पहली लिस्ट जारी कर दी है, उसमें 5 सीटिंग विधायकों को बरकरार रखा गया है, जबलपुर पूर्व विधानसभा से अंचल सोनकर, बरगी से प्रतिभा सिंह, पनागर से सुशील तिवारी, सिहोरा से नंदनी मरावी और केंट से अशोक रोहाणी उम्मीदवार होंगे।

ऐसे में बची सीटों पर बवाल मचा हुआ है, कांग्रेस बरगी विधानसभा में उम्मीदवार के चयन को लेकर मुश्किल में है, तो पाटन में बीजेपी के ज़मीनी कार्यकर्ताओं के आक्रोश के चलते पार्टी कोई भी निर्णय लेने में बार-बार विचार कर रही है, यही हाल पश्चिम विधानसभा का है, जहाँ पूर्व विधायक हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू को अगर पार्टी टिकट नहीं देती है, तो उसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है, वहीं मंत्री शरद जैन जो मध्य विधानसभा से विधायक हैं, उनका नाम भी लिस्ट से गायब है, कहा जा रहा है की इनका नाम सर्वे में हार की कगार पर है, लिहाजा पार्टी यहां से धीरज पटेरिया या प्रीति बाजपेई के नाम पर विचार कर रही है।

पाटन में आशीष का विरोध…
जबलपुर की पाटन विधानसभा एक वक़्त बीजेपी की गढ़ मानी जाती थी, लेकिन साल 2013 में यहां से मंत्री रहते हुए अजय विश्वनोई को कांग्रेस के नीलेश अवस्थी ने करारी शिकस्त दी थी, परिणाम ये रहा हार के बाद मंत्री जी कभी वापस यहां नही आए और पाटन से चुनाव न लड़ने का ऐलान भी कर दिया, ऐसे में अब यहां ग्रामीण जिला अध्यक्ष आशीष दुबे टिकट की दौड़ में है, लेकिन पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता पिछले चुनाव में हुई हार का कारण इन्हें ही मानते हैं, यहां के कई बड़े नेता आशीष दुबे का चुनाव आने के पहले ही खुलेआम विरोध कर चुके हैं, लिहाजा पार्टी अगर आशीष को यहां टिकट देती है, तो पार्टी को अपने ही कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच हार का सामना करना पड़ सकता है।

पश्चिम में बब्बू बिगाड़ सकते हैं गणित…
जबलपुर की पश्चिम विधानसभा वैसे तो बीजेपी का गढ़ मानी जाती है, लेकिन पिछ्ले चुनाव में यहां से पार्टी के आंतरिक विरोध के चलते हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू को हार का सामना करना पड़ा इस बार पार्टी दूसरे नेता को टिकट देने तैयारी में है, लिहाजा यहां से बब्बू विरोध कर सकते हैं, ये तीन बार यहाँ से विधायक भी रह चुके हैं, लिहाजा उनके विरोध के चलते पार्टी इस सीट पर विशेष मंथन कर रही है, इस सीट पर संघ की ओर से सदानंद गोड़बोले और जितेंद्र जामदार का भी नाम सामने आ रहा है, लिहाजा इस सीट को लेकर पार्टी असमंजस में है।
बरगी में कांग्रेस की मुसीबत…

बरगी में कमलनाथ गुट के संजय यादव जो की बाहरी नेता याने की शहर छोड़ ग्रामीण की सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहीं वो पहले भी 2 बार चुनाव हार चुके हैं, ऐसे में यहाँ के जमीनी नेता कमलनाथ को पत्र लिख कर साफ बोल चुके हैं, अगर संजय को टिकट दी गई तो यहाँ विरोध के बीच पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है। अब तस्वीर जो भी हो लेकिन मौजूदा वक्त में दोनों ही दलों के लिए ये सीटें प्रतिष्ठा का विषय भी बनी हुई है।

मंत्री शरद जैन की भी मुश्किल बढ़ी… 
जबलपुर की मध्य विधानसभा से मंत्री शरद जैन विधायक हैं, लेकिन इस सीट से सर्वे में वो कमजोर साबित हो रहे हैं, लिहाजा पार्टी यहां से किसी अन्य नाम पर विचार कर रही है, लेकिन शरद जैन इस सीट पर लगातार 3 बार से जीत तय करते आए हैं लिहाजा पार्टी यहां विचारणीय मुद्रा में है।

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