लंदनः भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में बनी सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की जहां दुनिया भर में चर्चा हो रही है वहीं ब्रिटेन के मीडिया ने इस मूर्ति को लेकर भारत की धज्जियां उड़ा दी हैं। ब्रिटेन ने दावा किया है कि जिस बीच भारत यह मूर्ति बना रहा था उस बीच ब्रिटेन ने भारत को करीब एक अरब पाउंड की आर्थिक मदद दी। बता दें कि ब्रिटेन द्वारा बताई जा रही यह रकम पटेल की मूर्ति पर आए खर्च से कहीं ज्यादा है। खबर में एक सांसद यह भी कहा है कि ब्रिटेन को अब भारत की मदद नहीं करनी चाहिए। ब्रिटेन की वेबसाइट, डेली मेल में इसका जिक्र करते हुए साफ लिखा है कि ब्रिटेन के करदाताओं का पैसा प्रत्यक्ष रूप से मूर्ति निर्माण में नहीं लगा बल्कि भारत में हुए विभिन्न विकास कार्यों में लगा है। लेकिन अगर भारत अपना पैसा मूर्ति बनाने में खर्च नहीं करता तो उन प्रॉजेक्ट्स का खर्च खुद उठा सकता था। खबर में भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया गया है जो मंगल तक पहुंच गई है। लिखा गया है कि भारत को जितनी आर्थिक मदद मिलती है, उससे कई गुना ज्यादा की मदद वह खुद दूसरे देशों की करता है। ऐसा लिखकर ब्रिटेन द्वारा भारत को मदद देने का विरोध किया गया है। आगे दावा किया गया है कि यूके ने भारत को 2012 में 300 मिलियन, 2013 में 268 मिलियन, 2014 में 278 मिलियन और 2015 में करीब 185 मिलियन की आर्थिक मदद दी थी।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है