मथुराः मथुरा प्रशासन उस समय हैरत में पड़ गया जब छत्तीसगढ़ के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, उनके गांव, उनके द्वारा ब्रज की लीलाओं आदि के संबंध में कई जानकारियां मांगी। प्रशासन को नहीं सूझ रहा है कि क्या जवाब दिया जाए। फिलहाल उनके सवाल को पेंडिंग में डाल दिया गया है। बिलासपुर के गुमा गांव निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जैनेन्द्र कुमार गेंदले ने मथुरा प्रशासन को जनसूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर भेजा है। जिसमें पूछा गया है कि विगत 3 सितंबर को देश भर में जन्माष्टमी पर अवकाश घोषित कर भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाया गया। कृपया उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या वे सच में भगवान थे? और थे, तो कैसे? भगवान कृष्ण का गांव कौन सा था? उन्होंने कहां-कहां लीलाएं कीं। उनके इन सवालों के बाद एडीएम रमेश चंद्र का कहना है कि हिंदू धर्म से संबंधित ग्रंथों, पुस्तकों आदि में इस प्रकार के वर्णन मौजूद हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में तत्कालीन शौरसेन (जिसे वर्तमान में मथुरा के नाम से जाना जाता है) में हुआ था। उन्होंने यहां के राजा कंस का वध करने के पश्चात द्वारिका गमन से पूर्व पग-पग पर अनेक लीलाएं की थीं।
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