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उम्मीदवार घोषित होते ही विक्रांत का विरोध, इस तरह फूटा कार्यकर्ताओं का गुस्सा

झाबुआ: कांग्रेस की दो लिस्ट जारी हो चुकी है और उसके साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। झाबुआ से विक्रांत भूरिया को टिकट मिला है। विक्रांत सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं। टिकट मिलने के बाद खुशी कम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बगावत ज्यादा है। शनिवार को कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कि जिसमें झाबुआ सीट सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को कांग्रेस पार्टी ने अपना चेहरा बनाया है। सिंधिया खेमे के जेवियर भी दौड़ में थे। 2008 में चुनाव जीते थे, इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।
लेकिन लिस्ट में विक्रांत का नाम सामने आया, जिसके बाद अब झाबुआ सीट पर बगावत का बिगुल बज चुका है। विक्रांत भूरिया को टिकट मिलने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जेवियर के घर के सामने प्रदर्शन करते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया का पुतला चलाया। लात-जुतों से पुतले की पिटाई की। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी में परिवारवाद को बढ़ाया जा रहा है। जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
जेवियर मेड़ा अभी दिल्ली में है, लेकिन उनके समर्थकों ने ऐलान किया है कि अगर पार्टी अपने फैसले पर विचार नहीं करती है तो जेवियर को चंदा करके निर्दलीय चुनाव लड़वाया जाएगा। झाबुआ का झगड़ा आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है। पार्टी के भीतर बगावत का बिगुल फूंक चुका है। जेवियर की ग्रामीण इलाकों में खासी पकड़ है। झाबुआ के सियासी हालत और जानकारों की राय है कि जेवियर को नहीं साधा गया तो सांसद पुत्र की लांचिग फेल हो सकती है।

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