भोपाल: बुधनी से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अरुण यादव ने कड़े तेवर अपनाए है। उन्होंने ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह को चुनौती दी है। अरूण यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि मुझे मां नर्मदा ने अपनी रेत में हुए अवैध खनन के 1-1 कण और भ्रष्टाचार का हिसाब लेने के लिए बुधनी बुलाया है। मैं शिवराज को घेरने नहीं, पूरे दृढ़विश्वास से उन्हें हराने आया हूं। पूरी पार्टी मेरे साथ चट्टान की तरह खड़ी है। यह लड़ाई किसान के नकली और असली पुत्र के बीच होगी।
ये है अरूण चादव का राजनीतिक सफर
अरुण यादव की यात्रा 2007 से शुरू हुई, जब वो खंडवा से चुनकर लोकसभा पहुंचे। 2008 से 2009 तक वो लोकलेखा समिति के सदस्य रहे। यादव 2009 में दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुने गए. 2009 में ही वो मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए गए और उन्हें भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय की ज़िम्मेदारी दी गई। इस पद पर वो 2011 तक रहे। उसके बाद अरुण यादव को केन्द्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बनाया गया। उसके बाद हुए फेरबदल में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली और तब अरुण यादव प्रदेश की राजनीति में लौट आए।
यहां एक नयी पारी उनका इंतज़ार कर रही थी। यादव पर तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने युवा नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान अरुण यादव को सौंप दी। वो 14 जनवरी 2014 को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बना दिए गए। दरअसल कांग्रेस ने प्रदेश के ओबीसी और युवा मतदाताओं को ध्यान में रखकर अरुण यादव को ये ज़िम्मेदारी सौंपी थी।


