
मकड़ाई समाचार हरदा/ जिले में आज एक दिल दहला देनी वाली घटना घटित हुई। जहा जन्म देने वाली माँ को उसके ही बेटे ने मार डाला। जिस बेटे को 9 महीने अपनी कोख में रखकर पाला। जिस माँ ने उस वेटे का लालन पालन पोषण किया। उसी कलयुगी पुत्र ने उस माँ को मामूली सी बात पर कहा सुनी पर धारधार हथियार दराती से मार कर गम्भीर अवस्था मे छोड़कर फरार हो गया। लेकिन पुलिस की सक्रियता से उसे कुछ ही घंटे बाद पकड़ लिया गया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को करीबी ग्राम पलासनेर में एक कलयुगी बेटे ने पैसों के लेनदेन पर अपनी सगी माँ को धारधार हथियार दराती से सर पर बार कर दीवाल पर सर पटक कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। और फरार हो गया। घटना सुबह 8:00 बजे करीबन की ग्राम पलासनेर की है। जहां गांव की रामदुलारी बाई पति मूलचंद पवार जाति राजपूत उम्र 75 साल को उसके लड़के उमेश पिता मूलचंद पवार उम्र 42 साल ने घर के आंगन में दोनों मां-बेटे में गांव में घूमने जाने व खर्चे के लिए रुपए पैसों की बात को लेकर विवाद होने पर से अपनी मां रामदुलारी बाई को नीचे पड़ी हुई दराती उठाकर सिर में मार दिया व उसका सिर दीवाल से पटक दिया और मौके से भाग गया रामदुलारी बाई को घायल अवस्था उसके बड़े लड़के कैलाश द्वारा शासकीय अस्पताल हरदा लाया गया जहां इलाज के दौरान राम दुलारी बाई की मृत्यु हो गई । सूचना मिलने पर चौकी प्रभारी उपनिरिक्षक सुरेखा निमोदा ने तत्काल घटना क्रम से वरिष्ठ अधिकारियों पुलिस अधीक्षक हरदा , एसडीओपी हरदा ,थाना प्रभारी महोदय को अवगत कराया गया ।

पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह द्वारा मामले को गम्भीरता से लेते हुए निर्देश दिए। हरदा टी आई सहित चौकी प्रभारी सुरेखा निमोदा पुलिस टीम के साथ घटना स्थल रवाना हुई। जहा घटना स्थल पर पहुँचकर पंचनामा बनाकर आरोपी की तलाश में जुट गई।इसके अलावा शासकीय अस्पताल पहुंचकर मौके पर आरोपी उमेश पिता मूलचंद पवार के विरुद्ध अपराध धारा 302 ,506 भादवी का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । आरोपी की तलाश में पुलिस टीम ने ग्राम पलासनेर से उसे गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त दराती जप्त की आरोपी द्वारा अपना गुनाह कबूल किया गया बाद जेआर हेतु माननीय न्यायालय पेश किया गया संपूर्ण कार्रवाई थाना प्रभारी सुभाष दरश्यामकर के निर्देशन में की गई कार्रवाई में सिविल चौकी प्रभारी उप निरीक्षक सुरेखा निमोदा ए. एस.आई बुद्ध सिंह मर्सकोले प्रधान आरक्षक राजेश रघुवंशी आरक्षक चालक राजेश बमरेले का विशेष योगदान रहा।