काबुलः अफगानिस्तान में हजारा लड़ाकों में व तालिबान के बीच जारी घमासान में दर्जनों लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 15 नागरिक और 10 कमांडो शामिल हैं जबकि तालिबान को हुए नुकसान का अभी पता नहीं चला है। सरकार की स्पेशल फोर्स के ये कमांडो गजनी प्रांत में शिया मिलीशिया की मदद के लिए भेजे हैं। शिया समुदाय के हजारा लड़ाके तालिबान से जूझ रहे हैं, जिन्होंने जगहोरी जिले में शियाओं के प्रभाव वाले इलाके में हमला किया है। यह लड़ाई बुधवार से जारी है।
पुलिस विभाग के प्रवक्ता अहमद खान सीरत के अनुसार संघर्ष में सुरक्षा बलों के छह जवान घायल भी हुए हैं। यह लड़ाई अमेरिका के विशेष दूत जैकमे खलीजाद की तालिबान के साथ वार्ता के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश के बीच छिड़ी है। खलीजाद की कोशिश है तालिबान से वार्ता करके अफगानिस्तान में शांति बहाली का रास्ता तैयार किया जाए। अफगानिस्तान में इराक या सीरिया जैसे गृह युद्ध वाले हालात नहीं हैं लेकिन हाल के वर्षो में जिस तरह से तालिबान ने शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है, उससे शिया हजारा समुदाय में गुस्सा व्याप्त है।
बता दें कि तालिबान कट्टरपंथी सुन्नी मुस्लिमों का संगठन है जिसमें पश्तूनों का वर्चस्व है। सत्ता प्राप्ति के लिए तालिबान का कोई घोषित एजेंडा नहीं है। मौका मिलने पर ये किसी को भी निशाना बनाकर अराजकता फैलाने में विश्वास रखते हैं। जबकि शिया समुदाय इसे पश्तूनों के साथ अपनी लड़ाई के तौर पर देखता है। वह पश्तूनों पर अपनी मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर हमले का आरोप लगाता है।
