दसॉ एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैपियर ने एक बार राफेल डील को लेकर कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने जो कहा सच कहा, झूठ नहीं बोला है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दसॉ के सीईओ पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था।
ट्रैपियर ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस के साथ समझौता करने का फैसला उनका था। HAL ऑफसेट पार्टनर नहीं बनना चाहती थी। उन्होंने कहा कि सच वही है जो मैंने पहले कहा है, मेरी झूठ बोलने की आदत नहीं है। मेरे जैसे सीईओ के पद पर बैठकर आप झूठ नहीं बोलते हैं।
इससे पहले भी दसॉ के सीईओ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस सौदे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और वह इस बात को साबित कर सकते हैं। उन्होंने बताया था कि रिलायंस ग्रुप के साथ साल 2012 से उनकी कंपनी का रिश्ता है और उनकी कंपनी राफेल डील में किसी भी जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा था कि एनडीए सरकार ने जिस भाव पर डील की वह उस दाम से 9 प्रतिशत कम है जिस पर 2014 से पहले चर्चा की गई थी।
राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस का आरोप है कि दसॉल्ट ने अनिल अंबानी की घाटे में चल रही कंपनी में 284 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। इन पैसों का इस्तेमाल नागपुर में एक जमीन खरीदने के लिए किया गया। राहुल गांधी ने कहा था कि यह साफ है कि दसॉल्ट के सीईओ झूठ बोल रहे हैं। यदि इसकी जांच की जाए तो मोदी बच नहीं पाएंगे। इसकी गारंटी है।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है
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