नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है। प्रदेश में पहले चरण की 18 सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो गई है। हालांकि अभी राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 72 पर मतदान होना बाकी है। जिसके लिए सभी राजनीतिक दल पूरे जोर-शोर से प्रचार अभियान में लगे हुए हैं। राहुल गांधी से लेकर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलिया कर रहे हैं। इस बात से यह तो साफ है कि किसी को भी बिना पत्थरों का पहाड़ चड़े अपनी मंजिल मिलने वाली नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सल प्रभावित बस्तर में चुनावी सभा करके पार्टी के लिए वोट मांगे तो दूसरी ओर राहुल गांधी ने भी कई जगहों पर जोरदार जनसमर्थन के बीच रैलियां करके सियासत में घमासान मचा रखा है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़े-बड़े अर्थशास्त्री इस बात का अनुमान लगाने से कतरा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच मायावती और अजीत जोगी का गठबंधन बड़ा सियासी उलटफेर करने का माद्दा रखता है।
जीत को तरसी कांग्रेस
2003
प्रदेश में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता के सिंहासन पर काबिज है। साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की 90 सीटों में से 50 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी। जब इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) 37 सीटें जीतकर विपक्ष की भूमिका में रहा था। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को 2 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को मात्र 1 सीट के साथ संतोष करना पड़ा था।
2008
साल 2008 में भी भारतीय जनता पार्टी ने पुराना रिकार्ड दोहराते हुए 50 सीटों पर जीत दर्ज करके इस बार भी सरकार बनाने की अपनी दावेदारी पेश कर दी थी। इसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) एक सीट के फायदे के साथ 38 सीटें जीतने में सफल रही थी। बसपा पार्टी इस बार भी महज 2 सीटों से आगे नहीं निकल पाई।

2013
राज्य में वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए भरसक प्रयास कर दिए। हालांकि परिणाम नहीं बदल सके इस बार भी बीजेपी ने 90 सीटों में से 49 सीटों पर जीतकर तीसरी बार सफलता का परचम लहराया। इस बार भी कांग्रेस को एक ही सीट का फायदा हुआ जिसके चलते 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं एक-एक सीट पर बीएसपी और निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।
माया-जोगी की जोड़ी
छत्तीसगढ़ में कई सालों से बीजेपी के विजयी रथ को रोकने में नाकाम विपक्ष में से इस बार मायावती और अजीत जोगी की पार्टी एक साथ मैदान में उतरे हैं। जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद ये दोनों मिलकर बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकें। हालांकि बीजेपी का कहना है कि वह इस बार 65 सीटें जीतकर जीत का चौका लगाएगी। हालांकि इन दोनों के गठबंधन से राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद लगाई जा रही है।