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प्रदूषण से हारी दिल्ली, बूंदाबांदी के बावजूद भी नहीं हुआ हवा में कोई सुधार

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नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर हल्की बूंदाबांदी होने के बावजूद वातावरण से प्रदूषण की धुंध नहीं हटी। मंगलवार को भी सांस लेने में दिक्कत हुई। सुबह से शाम तक दृश्यता साफ नहीं रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा मंगलवार की शाम 4 बजे जारी रिपोर्ट में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक का औसत स्तर 409 रहा, जो कि अति गंभीर श्रेणी में आता है। अधिकारियों ने चिंता जताई है कि शहर में हल्की फुल्की बारिश से प्रदूषण का स्तर सुधरने के बजाए खराब ही होगा। बारिश लंबे वक्त तक सभी जगह होगी तभी प्रदूषण का स्तर कम होगा। पड़ोसी शहर गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 438, फरीदाबाद का स्तर 438, नोएडा का स्तर 426, ग्रेटर नोएडा का स्तर 411 व गुरुग्राम का स्तर 313 रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, मामूली बारिश से हवा में बहुत ज्यादा नमी पैदा होती है और हवा भारी होकर अधिक खतरनाक कणों को जकड़े रहती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण (ईपीसीए) पहले ही चेता चुका है कि यदि दिल्ली की वायु गुणवत्ता इसी तरह गिरती रही तो वह गैर सीएनजी चालित निजी तथा वाणिज्यक वाहनों पर पूर्ण रोक लगा देगा।

सुबह की सैर पर नहीं जा पा रहे
जहरीली हवा से सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा भी परेशान हैं। मंगलवार को उन्होंने चिंता जताई कि दिल्ली में इतना प्रदूषण है वे सुबह की सैर पर नहीं जा पा रहे हैं। राजधानी में इतना प्रदूषण क्यों है? लोग घरों से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। कोर्ट में न्यायाधीश मिश्रा ने कहा कि मैं सुबह जल्दी उठता हूं और सैर पर जाने की कोशिश करता हूं, लेकिन प्रदूषण की वजह से कई दिनों से बाहर नहीं निकला हूं। वहां मौजूद एक वकील ने कहा कि अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

भारी वाहनों के प्रवेश से हटा प्रतिबंध
पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के अध्यक्ष भूरेलाल ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश से प्रतिबंध हटा दिया है। अब यह वाहन रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच चल सकेंगे। यातायात पुलिस के मुताबिक 8 नवम्बर से 12 नवम्बर के बीच 2200 से अधिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया गया। 11 नवम्बर रात 11 बजे से 12 नवम्बर सुबह 5 बजे तक दिल्ली में 3931 वाहनों को प्रवेश की इजाजत दी गई। इनमें जरूरी वस्तुएं थीं।

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शादी समारोह भी आ सकते हैं प्रदूषण के दायरे में
शादी समारोह के कारण भारी ट्रैफिक जाम और इसमें चलने वाले जेनरेटरों तथा पटाखों से होना वाला वायु प्रदूषण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की जांच के दायरे में आ गया है। एनजीटी का कहना है कि समारोहों में आनंद की आजादी का स्वागत है, लेकिन यह शांति तथा दूसरों की सहजता के संरक्षण की जवाबदेही के बिना नहीं हो सकती। बैंक्वेट हॉलों, फॉर्म हाउसों और होटलों में कार्यक्रमों के दौरान होने वाले प्रदूषण को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक महीने के अंदर इनकी पूरी जांच कर एक रिपोर्ट तैयार करें और इन सभी पर उचित कार्रवाई भी करें। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इसपर निगरानी करने के लिए बकायदा एक टीम का भी गठन किया है । एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विवाह स्थल अनुमति लिए बिना शादी तथा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करके नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। अधिकरण ने एक संयुक्त समिति का गठन किया जिसमें नगर निगमों, केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पुलिस और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्राधिकरण ने कहा कि इस समिति को हर महीने कम से कम दो बार बैठक करनी होगी।

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