मकड़ाई समाचार हरदा। राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत माह जूलाई को डेंगू निरोधक माह के रूप में मनाया जा रहा है। डेंगू निरोधक माह अंतर्गत जिले में विगत वर्षाे में पाये गये डेंगू पाजिटिव मरीज एवं संभावित डेंगू मरीज वाले ग्रामो, वार्डाे एवं प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ एवं आशा कार्यकर्ताओ के माध्यम से डेंगू नियंत्रण हेतु लार्वा सर्वे, लार्वा विनष्टीकरण, फीवर सर्वे एवं जनसामान्य को जागरूक किया जा रहा है।
मलेरिया निरीक्षक हरिनारायण एके द्वारा ग्राम रहटाखुर्द एवं ग्राम सिरकम्बा में आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ का मच्छरजन्य बीमारियों की रोकथाम संबंधी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया एवं ग्राम रहटाखुर्द एवं ग्राम सिरकम्बा में घर-घर किये जा रहे लार्वा सर्वे एवं फीवर सर्वे का निरीक्षण कार्य किया गया एवं ग्रामीण जनो के मच्छरजन्य बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण संबंधी पंपलेट्स वितरण कर डेंगू से बचाव हेतु जागरूक किया गया है। जुलाई माह से वर्षाकाल प्रारंभ हो जाता है जिसके साथ मच्छरों की पैदावार करने वाले स्त्रोतों की संख्या बढ जाती है। वर्षाकाल मे वाहक जनित रोगों जैसे मलेरिया ,डेंगू के फैलने की संभावना बढ जाती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर जैसानी ने वर्षाकाल में आमजन को अपने घरों एवं आसपास मच्छर जन्य परिस्थियों को समाप्त करने की अपील की है।
क्या है डेंगू बिमारी –
ऐडीज मच्छर डेंगू बिमारी फैलाते है । ये मच्छर रूके हुए साफ पाानी में पैदा होते है जैसे – कूलर , पानी की टंकी , पक्षियों के पानी पीने के बर्तन, फ्रीज की ट्रे, फूलदान , नारियल की खोल , टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि।
कैसे करें पहचान
तेज सिरदद्र व बुखार होता है। मांसपेषियों तथा जोडो में दर्द होता है।आखों के पीछे दर्द होता है।जी मचलता है और उल्टी होती है।गंभीर मामलों में नाक, मुंह मसूडों खून आता हैं।कभी कभी हाथ ,चेहरे व पेट पर चकत्ते हो सकते है।
कैसे रहे सावधान
पानी से भरी हुई सीमेन्ट की टंकियो, ड्रम आदि को ढॅककर रखे। सप्ताह में एक बार कूलक को खाली करके रगडकर साफ कर सूखा लेवे ।ऐसे कपउे पहने जो शरीर को पूरी तरह ढॅके । दिन एवं रात में सोते समय मच्दरदानी का प्रयोग करें । खून की जांच में डेंगू का पता चल जाता है। डेंगू जैसे लक्षण दिखाई देने पर खून की जॉच कराऐं। बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह अवष्य लेवे।