मकड़ाई समाचार।
प्रदीप शर्मा, हरदा। तीन दशक से टिमरनी विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक मनोहर लाल राठौर की लगातार जीत के बाद गत दो चुनावों में संजय शाह की विजय पश्चात इस बार भाजपा का किला दरकता नजर आ रहा है। विधायक द्वारा गाढ़े समय में काम आने वाले साथियों को नजरअंदाल करने व आमजनता से निरंतर दूरियां बनाए रखने कारण भाजपा के लिए अपना यह किला फिर से फतह करने में लोहे के चने चबाने होंगे। इस चुनाव में पार्टी को एक साथ कई मोर्चों पर कार्य करना होगा जिसमें सवर्णों की नाराजी दूर करने के साथ किसानों को साथ लाना होगा जो कांग्रेस की ओर जाते दिखाई देते हैं। शिवराज लहर में 14 हजार मतों के अंतर से पिछला चुनाव जीतने वाले संजय शाह को अपनी गाड़ी का काला शीशा उतार कर आमजन के बीच जाना होगा। कई मोर्चों पर अकेले दिखाई देते शाह की नैया बचाने के लिए भाजपा को सिराली-रहटगांव में हरदा-टिमरनी से कार्यकर्ता बुलाने को मजबूर होना पड़ा है। यही वजह है कि इस बार केसरिया पार्टी की पतली हालत देख कांग्रेस भी चौका मारने की तैयारी में है। अलबत्ता भाजपाई इसे नकारते हुए दल को रवानी में होना बताने से नहीं चूक रहे। मकड़ाई एक्सप्रेस द्वारा पूछे जाने पर जिला प्रवक्ता अशोक गुर्जर ने कहा कि बेल्ट में हमारी पार्टी को सवर्णों और किसानों का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है। दो सौ करोड़ रूपए की लागत से नहरों का सीमेंटीकरण होने से हमारा किसान भाई काफी खुश नजर आता है। अब इन्हें समय पर टेल क्षेत्र में पानी मिल रहा है। हमारी सरकार की संबल योजना और पार्टी के संकल्प पत्र में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है जो भाजपा के लिए लाभदायी है। इसके बावजूद मैदानी हकीकत इसके उलट नजर आ रही है।
गौर समाज का मिला समर्थन – पंवार

हाल ही टिमरनी का दौरा कर आए कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पंवार ने यहां पार्टी की स्थिति मजबूत बताई। उन्होंने कहा चुनाव में जिले की दोनों सीटों पर कांग्रेस काफी अच्छी स्थिति में है। श्री पंवार ने बताया रहटगांव बेल्ट में पार्टी को गौर समाज का अच्छा समर्थन मिला है। गौर कुर्मी बहुल क्षेत्र उनका हमारे साथ आना काफी लाभदायी है। इधर प्रदेश कांग्रेस सचिव ओम पटेल ने कहा कि टिमरनी की करताना पट्टी में पार्टी काफी मजबूत हुई है। यहां हमारे सामाजिक बंधु सक्रिय होकर कार्य कर रहे हैं। चारखेड़ा पट्टी में भी हमें गुर्जर समाज का अच्छा साथ मिल रहा है। चुनाव में इस बार कांग्रेस आलाकमान भी आपसी गुटबाजी को लेकर काफी सचेत हो गई है। इसको लेकरपीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की जिला एवं ब्लॉक इकाईयों को साफ कह दिया कि सभी नेता मिलकर कार्य करें। यही वजह है कि टिमरनी में बिखरी नजर आने वाली कांग्रेस के हालात बदले-बदले से नजर आते हैं। चुनाव में लंबे समय बाद दोनों दलों के बीच करारी टक्कर दिखाई दे रही है।
आरपार की लड़ाई
राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि पिछले चुनावों में छीपानेर पट्टी में भाजपा मजबूत नहीं रही है, इसे बचाना पार्टी के लिए काफी मुश्किल है। वहीं टिमरनी नगर, रहटगांव और सिराली बेल्ट में बड़ी लीड पाने वाली भाजपा कके लिए हालात बदल गए हैं। इस बार पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सुभाष जायसवाल और हरिभाऊ गद्रे द्वारा चुनाव कमान संभालने से कांग्रेस ड्रॉयविंग सीट पर आ गई है। वहीं युवा नेता अभिजीत शाह की मिलनसार छवि का सभी वर्गों में लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। रहटगांव और सिराली पट्टी में जहां अब तक भाजपा बड़ी जीत करती आई है वहां मकड़ाई नरेश अजय शाह द्वारा कमान संभाले जाने से प्रत्याशी अभिजीत शाह को शेष इलाके में खुलकर कार्य करने का अच्छा मौका मिल गया है। इससे ताजा चुनाव में भाजपा को अपना केसरिया ध्वज बचाना मुश्किल नजर आता है।
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