तिरुवनंतपुरम: केरल के सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर से श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी के विरोध में सैंकड़ों लोगों ने रविवार मध्य रात्रि केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के निवास ‘क्लिफ हाऊस’ के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने यहां प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री निवास से कुछ मीटर दूर देवस्वम बोर्ड जंगशन पर रोक लिया और स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी। भगवान अयप्पा मंदिर के पास से श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी के तुरंत बाद केरल के कई पुलिस थानों, आयुक्त कार्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया। केरल के तिरुवनंतपुरम, आलप्पुषा, एर्नाकुलम, पत्तनमत्तिट्टा, कोझीकोड जिलों में प्रदर्शनकारियों में आधी रात को कई जगहों पर प्रार्थना सभाएं आयोजित कीं।
इससे पहले पुलिस ने रविवार को सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर के पास श्रद्धालुओं को भक्ति गीत ‘अयप्पा शरणम’ गाने पर गिरफ्तार कर लिया गया। श्रद्धालुओं ने उनके धार्मिक अधिकारों पर लगाई गई पुलिस की पाबंदियों सवाल उठाए और उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाली पुलिस का विरोध किया। पुलिस ने इर्नाकुलम से आए श्रद्धालु राजेश को गिरफ्तार करने का प्रयास किया तो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में श्रद्धालुओं ने मंदिर से महज 100 मीटर दूर स्थित ‘वालिया नदपंडाल’ पर धरना दिया। श्रद्धालु राजेश ने पत्रकारों को कहा कि पुलिस उसे और चार अन्य श्रद्धालुओं को पूछताछ के लिए गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी।
पुलिस ने मंदिर पर ‘अयप्पा मंत्रों’ के उच्चारण करने से रोका। पुलिस हालांकि राजेश और अन्य श्रद्धालुओं को गिरफ्तार करने पर अड़ी रही। पुलिस का आरोप था कि श्रद्धालुओं ने सबरीमला में लगी निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया है। श्रद्धालुओं ने पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में चिल्लाकर कहा कि हम पुलिस को राजेश को गिरफ्तार नहीं करने देंगे, पुलिस हम सभी को गिरफ्तार कर सकती है। अयप्पा मंदिर से पुलिस अधीक्षक प्रतीश कुमार के नेतृत्व में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए श्रद्धालुओं को दो बसों में पुलिस की 10 जीपों के साथ किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। सूत्रों का कहना है कि सबरीमला कर्म समिति सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करने की योजना बना रही है। समिति का आरोप है सुप्रीम कोर्ट के सभी आयु की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति के आदेश के नाम पर उनके रीति-रिवाज और परंपराओं को नष्ट किया गया।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.


चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है