goverment Ad
Goverment ad2

विवादों के बीच रिजर्व बैंक की बैठक आज, अहम मुद्दों पर बन सकती है सहमति

Header Top

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान पर सोमवार को होने वाली बैठक में विराम लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंचने के पक्ष में हैं। बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ स्वतंत्र निदेशक गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज से लेकर केन्द्रीय बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल भी इस्तीफे का कुछ वर्गों का दबाव होने बावजूद इस्तीफा देने के बजाय बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों का मजबूती से पक्ष रख सकते हैं। बैठक में वह एनपीए को लेकर केन्द्रीय बैंक की कड़ी नीतियों का बचाव कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के प्रावधानों को लेकर गवर्नर पटेल के साथ में चार डिप्टी गवर्नर संयुक्त पक्ष रखेंगे और इन्हें कुछ स्वतंत्र निदेशकों का समर्थन मिलने का भी अनुमान है। वित्त मंत्रालय द्वारा नामित सदस्यों समेत कुछ स्वतंत्र निदेशक पटेल पर निशाना साध सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, निदेशक मंडल की बैठक पूर्व निर्धारित होती है तथा बैठक का एजेंडा भी काफी पहले तय कर लिया जाता है। हालांकि, अध्यक्ष की अनुमति से निदेशक मंडल के सदस्य तय एजेंडे से इतर अन्य मुद्दे भी उठा सकते हैं। रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल में 18 सदस्य हैं। हालांकि, इसमें सदस्यों की संख्या 21 तक रखने का प्रावधान है। सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर उॢजत पटेल और चार अन्य डिप्टी गवर्नर पूर्णकालिक आधिकारिक निदेशक हैं। इनके अलावा अन्य शेष 13 सदस्य सरकार द्वारा नामित हैं। सरकार द्वारा नामित सदस्यों में वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी आॢथक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार शामिल हैं।

Shreegrah

सूत्रों ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक बैंकों में त्वरित सुधारात्मक उपायों (पीसीए) की रूपरेखा तथा एमएसएमई क्षेत्र को ऋण देने के प्रावधानों में ढील को लेकर आपसी सहमति से किसी  समाधान पर पहुंचने के पक्ष में हैं। सूत्रों के अनुसार, यदि इस बैठक में सहमति नहीं भी बन पायी तो अगले कुछ सप्ताह में त्वरित सुधारात्मक कदम पर सहमति बन जाएगी। इसके तहत कुछ बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस रूपरेखा ढांचे के दायरे से बाहर आ सकते हैं। फिलहाल 21 सार्वजनिक बैंकों में से 11 बैंक पीसीए के दायरे में हैं। जिससे उन पर नये कर्ज देने को लेकर कड़ी शर्तें लागू हैं।

इन बैंकों में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ इंडिया, सैंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, आरिएंटल बैंक आफ कामर्स, देना बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र शामिल हैं।

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Don`t copy text!
ब्रेकिंग
4 जून को भोपाल में ब्राह्मण समाज का महाकुंभ:वरिष्ठों और युवाओं ने घर-घर जाकर पीले चावल देकर दिया न्य... अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक पहुंचे खातेगांव कांग्रेसियों की ली क्लास, दिए दिशा निर्देश एमपी के इन बच्चों ने दिल्ली में जीते 18 मेडल, 9 गोल्ड, 7 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज हंडिया: योग दिवस की तैयारी:गांवों में लोगों को योग से जोड़ने के लिए चल रहा ध्यान एकात्म अभियान, आज दिनांक 30 मई 2023 का राशिफल जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे Big News : फिल्मी स्टाइल में बड़ी लूट, पैट्रोल पंप कर्मियों से गुंडों ने बंदूक की नोक पर लूटे 40 लाख... हरदा : अज्ञात आरोपियों पर 5-5 हजार रूपये का इनाम घोषित हरदा : युवा अन्नदूत योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन 31 मई तक जमा करें हरदा : ’‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओं योजना’ के तहत युवाओं को 10 हजार रुपए तक मिलेंगे हरदा : खुशियों की दास्तां, घर में नल से जल आने लगा तो बलीराम की समस्या हल हुई