राजनांदगांव। सुकुलदैहान प्रायमरी स्कूल की सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की घटना से आसपास गांव के पालकों में भी आक्रोश फूट रहा है। भड़के पालक अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेज रहे हैं। पिछले दो दिन से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति नहीं के बराबर है। बुधवार को भी कई ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा।
प्रायमरी ही नहीं बल्कि मिडिल स्कूल के बच्चें भी स्कूल आने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों ने बैठक कर दुष्कर्म के आरोप में जेल गए शिक्षक की पैरवी करने वाली मिडिल स्कूल की शिक्षिका व मध्या- भोजन संचालित करने वाली समूह की महिलाओं के खिलाफ शिकायत करने का निर्णय बैठक में लिया है।
गुरुवार को ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग करेंगे। इधर शिक्षा विभाग ने प्रधान पाठक व शिक्षक को सस्पेंड करने के बाद उनकी जगह पर दो नए शिक्षक की नियुक्ति की है। ताकि पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न हो।

पालकों में जमकर नाराजगी
दुष्कर्म के बाद से सुकुलदैहान सहित आसपास गांव के लोग भी आक्रोशित हैं। शिक्षकों के प्रति पालकों में नाराजगी भी बढ़ गई है। ज्ञात हो कि प्रायमरी स्कूल की सात वर्षीय छात्रा के साथ स्कूल के ही शिक्षक को दुष्कर्म के आरोप में जेल भेज दिया है। मामला बीते 18 सितंबर का है।
प्राइवेट पार्ट में दर्द होने के बाद परिजनों ने बच्ची को 20 सितंबर को मेडिकल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व पास्को एक्ट की धारा के तहत जुर्म दर्ज किया।
बीते 30 सितंबर को बच्ची ने पुलिस को बयान दिया कि शिक्षक ने ही जबरदस्ती की थी, जिसके बाद पुलिस ने शिक्षक संतोष गढ़पायले को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। लेकिन ग्रामीणों का रोष अभी भी शांत नहीं हुआ है।
समय से पहले छुट्टी
पिछले दो-तीन दिन से प्रायमरी स्कूल में छुट्टी जैसा माहौल है। दुष्कर्म की घटना के बाद से ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। हालांकि बम्हनी व आसपास गांव के कुछ बच्चे स्कूल जरूर आ रहे हैं, लेकिन शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चों को मध्या- भोजन के बाद छुट्टी दी जा रही है। स्कूल में दो ही शिक्षक थे, जिन्हें सस्पेंड करने के बाद शिक्षा विभाग ने यहां दो नए शिक्षकों की नियुक्ति की है। पर दो दिन से शिक्षकों के पदभार नहीं लेने की वजह से यहां छुट्टी का ही माहौल है।
बैठक में ग्रामीणों ने लिया निर्णय
सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की घटना से भड़के ग्रामीणों ने बुधवार को भी गांव में बैठक बुलाई। ग्रामीणों ने शिक्षक का सहयोग करने वाली मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षिका और मध्या- भोजन संचालित करने वाली समूह की महिलाओं के खिलाफ शिकायत करने का निर्णय लिया।
गांव वालों ने बताया कि पूरे घटनाक्रम में इनकी भूमिका संदिग्ध है। इन्होंने शिक्षक को बचाने घटना को दूसरा रूप देने की कोशिश की है। पुलिस अधीक्षक से इनकी कार्रवाई की मांग की जाएगी। बैठक में आसपास गांव के लोग भी शामिल हुए।
‘दो शिक्षकों की नियुक्त की गई है। व्यवस्था सुधरने में थोड़ा समय लगेगा। मिडिल स्कूल की एक शिक्षिका की शिकायत भी मिली है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।’ – प्रवास कुमार बघेल, प्रभारी डीईओ