सैन फ्रांसिस्को: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा US-मेक्सिको बॉर्डर से अवैध रूप से आने वाले प्रवासियों पर लगाए गए बैन को कोर्ट से झटका लगा है। सैन फ्रांसिस्को की एक फेडरल कोर्ट ने ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले पर बैन लगा दिया है। बता दें कि इससे पहले भी फेडरल कोर्ट ट्रम्प प्रशासन को सीएनएन के पत्रकार का पास कैंसल करने पर फटकार लगा चुकी है। जज ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कांग्रेस ने प्रवासियों को आने की अनुमति दी है, इसलिए राष्ट्रपति प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा सकता है। अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन एस टीगर ने ट्रम्प सरकार के फैसले को रोक दिया है। इसे ट्रम्प प्रशासन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
अमेरिकी-मेक्सिको सीमा को अवैध रूप से पार करने वाले किसी भी व्यक्ति को शरण देने पर प्रतिबंध लगाने के ट्रम्प प्रशासन के फैसले के खिलाफ कानूनी समूहों ने अदालत में तर्क पेश किए थे। समूहों ने कहा कि न्यायाधीश को चाहिए कि ट्रम्प प्रशासन को इस फैसले को लागू करने से रोके। इन समूहों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा इस महीने जारी प्रतिबंध के फौरन बाद मुकदमा दायर कर दिया था। ट्रम्प ने अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर आ रहे शरणार्थियों के काफिले को लेकर यह रोक जारी की थी।
गौरतलब है कि अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। दक्षिणी बॉर्डर से हजारों की संख्या में अभी भी लोग मुख्य शहरों की तरफ आने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ट्रम्प प्रशासन की सख्ती के कारण अभी तक कई लोग नहीं आ पाए हैं, जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं।
19 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर आ रहे प्रवासियों के काफिले को लेकर यह रोक जारी की थी। ट्रम्प ने नौ नवंबर को घोषणा की थी कि दक्षिणी सीमा पार करने वाला कोई भी व्यक्ति शरण का पात्र नहीं होगा। फेडरल कोर्ट के जज का ये आदेश 19 दिसंबर तक मान्य होगा। उसके बाद ही इस पर आगे की सुनवाई होगी। कोर्ट के इस आदेश पर अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने अभी तक कोई कमेंट नहीं किया है।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है