इस्लामाबादः पिछले कुछ समय से सुर्ख़ियों में चल रहे करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने के मुद्दे पर मोदी सरकार की मंजूरी के तुरंत बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट कर कहा कि पाक पहले ही सिखों के प्रथम गुरु नानक देव की 500वीं जयंती पर इसे खोलने का एेलान कर चुका है और इस बारे में जल्द ही भारत को गुड न्यूज़ दी जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवंबर को कोरिडोर पर दी जाने वाली सुविधाओं का एेलान करेंगे।
इससे पहले बुधवार मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कॉरिडोर निर्माण के फैसले के तुरंत बाद पाकिस्तान सरकार ने ट्वीट कर कहा था कि करतारपुर बॉर्डर पर पाकिस्तान के प्रस्ताव का भारतीय मंत्रिमंडल समर्थन दोनों देशों में शांति लॉबी की जीत है, यह दिशा में एक कदम है और आशा है कि ऐसे कदम सीमा के दोनों किनारों पर कारणों और शांति की आवाज़ को प्रोत्साहित करेंगे। ”
भारत सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम के बाद पाकिस्तान ने इस पहल का समर्थन करते हुए एक आधिकारिक ट्वीट कर इस मसले पर अपनी सहमति जताई है।बता दें कि पाकिस्तान भी इस महीने के अंत से ही कॉरिडोर बनाना शुरू कर देगा। इमरान खान खुद इसकी शुरुआत करेंगे, हालांकि, इसकी तारीख तय नहीं हुई है। कॉरिडोर 2019 तक पूरा हो सकता है।
जानकारी के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक स्थलों की यात्रा के संबंध में 1974 में एक प्रोटोकॉल हुआ था, जिसमें करतारपुर साहिब शामिल नहीं है। 1999 में लाहौर की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस मुद्दे को उठाया था और इस धार्मिक स्थल की वीजा मुक्त यात्रा पर विचार करने का अनुरोध किया था, जो सिखों की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है।
मंत्रालय ने बताया कि इसके बाद पंजाब के तब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अनुरोध पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1 सितंबर 2004 को प्रकाशोत्सव की 400वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृतसर में करतारपुर साहब के संबंध में सुविधा की घोषणा की थी। इसके बाद 4 सितंबर, 2004 को विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान करतापुर साहब को प्रोटोकॉल के तहत सूची में शामिल करने के लिये पाकिस्तानी पक्ष से अनुरोध किया गया था लेकिन तब पाकिस्तानी पक्ष ने इस पर सहमति नहीं जताई थी। साल 2005 में पाकिस्तान ने तीन धार्मिक स्थलों की यात्रा वीजा के साथ करने की अनुमति दी थी, लेकिन इसमें करतारपुर साहब शामिल नहीं था।


