पेशावरः चीन के साथ नजदीकी बढ़ाने का पाकिस्तान को उस समय बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ा जब आज शुक्रवार को एक के बाद एक हुए दो आतंकी हमलों से पाकिस्तान दहल उठा। इन दोनों हमलों में कुल 22 लोगों की मौत हो गई। पहला हमला सुबह सवा 9 बजे कराची स्थित चीनी दूतावास पर हुआ। यहां सुरक्षाबलों ने हमले की कोशिश को नाकाम करते हुए तीनों फिदायीन आतंकियों को मार गिराया। इस कार्रवाई में पुलिस के भी 2 जवान मारे गए। अभी यहां ऑपरेशन खत्म ही हुआ कि खैबर पख्तूनख्वा के हांगू इलाके में हुए भीषण विस्फोट में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग 30 लोग घायल हो गए।घटना की भारत और चीन ने कड़ी निंदा की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलगाववादी संगठन बलोच लिबरेशन आर्मी ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है। अलगाववादी संगठन का कहना है कि उन्होंने चीन को सबक सिखाने के मकसद से ऐसा किया है। संगठन ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी भी दी है और माना है कि चीनी दूतावास पर हमले में उनके तीन लोग मारे गए हैं। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं है कि ये ट्विटर अकाउंट् इसी अलगावादी संगठन का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कराची के क्लिफटन इलाके में सुबह करीब सवा नौ बजे कुछ लोगों ने चीनी दूतावास में घुसने की कोशिश की। जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो सुरक्षा गार्ड्स पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने हथगोला भी फेंका जिससे कि दूतावास के गेट को नुकसान पहुंचा है। पुलिस अधिकारी अमीर शेख के मुताबिक मुठभेड़ में तीन हमलावर और दो पुलिसकर्मी मारे गए। हमले के बाद इलाके में सुरक्षाबलों ने नाकाबंदी कर दी।
दूतावास में मौजूद लोगों के हताहत होने की सूचना नहीं है। बताया जाता है कि चीनी नागरिकों समेत सभी लोग सुरक्षित हैं। वहीं, फिलहाल ऑपरेशन खत्म हो चुका है। पुलिस इलाके में सर्च और क्लीयरेंस ऑपरेशन चला रही है। इसके अलावा घटनास्थल पर बम निरोधक दस्ता भी पहुंचा है। जिस वक्त हमलावर दूतावास में दाखिला हुए बताया जा रहा है कि उस वक्त करीब 21 लोग वहां मौजूद थे। जिनमें से करीब 6 चीनी नागरिक और बाकी दूतावास के कर्मचारी थे। इसके अलावा दूतावास में इंटरव्यू के लिए स्थानीय नागरिक भी इन्हीं में शामिल हैं।

भारत ने की कड़ी निंदा
पाकिस्तान में चीनी दूतावास पर हुए हमले की भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी निंदा की है। भारत ने बयान जारी कर कहा कि वे हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। भारत ने कहा कि आतंकी वारदातों का कोई न्यायोचित कारण नहीं हो सकता। इस जघन्य हमले के अपराधियों को शीघ्रता से न्याय में लाया जाना न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।

