शहडोल: MP में एक ओर राजनीतिक दलों की चुनावी तैयारी जोरों पर चल रही है, नेताओं द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ मध्यप्रदेश की एक ऐसी विधानसभा है जहां लोगों को पता ही नही है कि मध्यप्रदेश में कुछ ही दिनों में चुनाव होना है। जानकारी के अनुसाार, ब्यौहारी विधानसभा के दाल गांव में अब तक ना तो कोई नेता-मंत्री प्रचार के लिए पहुंचा और ना ही यहां विकास की गंगा बही।ऐसे में उनके लिए मिशन 2018 किसी बड़े इम्तिहान से कम नहीं होगा।दरअसल, शहडोल जिले में ब्यौहारी विधानसभा का यह गांव दुर्गम पहाड़ों के बीच स्थित है। इस गांव में पहुंचने के लिए उबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। इसके लिए करीब आठ किलोमीटर अंदर पैदल चलना पड़ता है। यहां ना तो सड़क है और ना ही पीने के स्वच्छ पानी। यहां पहुंचने के लिए अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते है। इसी कारण यहां न तो कोई दरियादिल नेता पहुंचा और न ही कोई दिलेर अफसर।
हैरानी की बात तो ये है कि लगभग तीस परिवार वाले 100 मतदाताओं के इस गांव में बूथ भी नहीं है। 2013-14 में 8 किमी नीचे उतरकर धांधूकुई वोट डालने गए थे। गांव वासियों का कहना है कि जब कभी चुनाव होता है तो सरपंच या सचिव लेने आ जाते हैं। लोग जाकर बटन दबा देते हैं। इन दिनों किसका चुनाव हो रहा है लोकसभा या विधानसभा, किसी को पता नहीं। यहां के लोग न तो सरकार को जानते हैं और न विधायक को, क्योंकि कई दशक बीतने के बाद भी न तो कोई नेता यहां आए हैं, और न ही अधिकारियों ने सुध ली है।


